आरोपी जज पर PMO की चुप्पी: RTI का नहीं दिया जवाब, CBI कर रही जांच

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएन शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में महाभियोग चलाए जाने से जुडी आरटीआई पर PMO ने जवाब देने से इनकार कर दिया।

Update: 2020-02-09 11:05 GMT

नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएन शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में महाभियोग चलाए जाने को लेकर एक आरटीआई का प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कोई जवाब न दिए जाने की खबर मिल रही है। पीएमओ ने इस आरटीई पर किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया है।

क्या है मामला:

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला पर एमबीबीएस में दाखिले से जुड़े मामलें में एक निजी कॉलेज के पक्ष में फैसला देने को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व प्रधान न्यायधीशों ने आरोपी जज के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने की अनुशंसा की थी। ये दो जज जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस रंजन गोगोई हैं।

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सीबीआई कर रही है जांच:

इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। बता दें कि यह पहला मामला था जब सीजेआई द्वारा CBI को एक हाईकोर्ट के जज के खिलाफ जांच करने की अनुमति दी गई थी। हालाँकि इन सब के बाद भी आरोपी जज अपने पद पर अभी तक बने हुए हैं।

आरोपी जज पर महाभियोग से जुड़ी आरटीआई

इसी कड़ी में आरटीआई दायर कर एक आवेदक ने पीएमओ कार्यालय से ये पूछा कि दोनों पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शुक्ला के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने के संकेत दिए हैं। इस मामले में क्या हुआ?

आवेदक ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री या पीएमओ ने राज्यसभा सचिवालय से जस्टिस शुक्ला के खिलाफ महाभियोग शुरू करने संबंधी प्रक्रिया को लेकर कोई संवाद किया है?

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इसमें यह भी पूछा गया कि क्या जज को हाईकोर्ट से हटाए जाने को लेकर पीएमओ से कोई पत्राचार हुआ है?

पीएमओ ने नहीं मिला कोई जवाब:

आरटीआई के इन सभी सवालों का पीएमओ ने जवाब देने से इनकार करते हुए लिखा, 'आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी जांच की प्रक्रिया को बाधित कर सकती है और इसलिए आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) के तहत इसका जवाब नहीं दिया जा सकता है।'

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