#PNB Scam : 'गोकुलनाथ' नाम तो सुना होगा, अब कुंडली भी देख लो

Update:2018-02-17 15:47 IST

मुंबई : पिछले कुछ दिनों से नीरव मोदी अपने परिवार के साथ चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। मुंबई से लेकर मजीठा तक उसके ही बारे में बातें हो रही हैं। मसला ये है कि मोदी साहेब उनकी पत्नी अमी, भाई निशाल और मेहुल चौकसी देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक के 11,345 करोड़ लेकर फरार हो चुके हैं। मोदी के पीछे सीबीआई, ईडी, सेबी सब लगी हैं। लेकिन बंदा हाथ नहीं आ रहा। लेकिन एक सिरा हाथ लगा है, उम्मीद है इसके सहारे बड़ी सफलता मिल जाए।

17 फरवरी को सीबीआई ने गोकुल नाथ शेट्टी के साथ ही मनोज खरात और हेमंत भट्ट को गिरफ्तार किया। गोकुल के साथ 16 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। हमारी इस खबर के मेन लीड यही शेट्टी साहेब हैं। हम आपको उनके बारे में सबकुछ बताएंगे जो आपके लिए जरुरी है।

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गोकुल की कहानी, हमारी जुबानी

गोकुल नाथ शेट्टी ने 36 वर्ष पंजाब नेशनल बैंक में नौकरी की। ज्वाइनिंग क्लर्क के तौर पर हुई। इसके बाद 1986 में प्रमोशल मिला तो मैनेजर स्तर पर पहुंचा। 2010 में गोकुल बैंक की ब्रैडी हाउस ब्रांच में ट्रांसफर हो कर आया। इसके बाद वो यहीं का होकर रह गया। जबकि तीन साल बाद उसका ट्रांसफर होना चाहिए था। लेकिन ऊपर तक उसकी सैटिंग थी। उसने रिटायरमेंट के बाद ही यहां से विदा ली। जबकि पहले 2013 और उसके बाद 2015 में उसका ट्रांसफर हो जाना चाहिए था।

जानकारों के मुताबिक शेट्टी डिप्टी मैनेजर के साथ ही स्विफ्ट सिस्टम विशेषज्ञ भी था। जो आसानी से नहीं मिलते और न ही बैंक अपने किसी नए कर्मी पर इतना विश्वास करते हैं कि उसे स्विफ्ट सिस्टम से जोड़ दें। इसके साथ ही गोकुल के संबंध उच्चाधिकारियों के साथ काफी मधुर रहे। वो भी उसके ट्रांसफर को रुकवा देते होंगे।

लेटर ऑफ अंडरटेकिंग से हुआ बड़ा खेल

नीरव मोदी को जितने भी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी हुए। वो सभी गोकुल नाथ शेट्टी ने ही जारी किये थे। लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का नियम ये है कि जितने की अंडरटेकिंग जारी होती है। उतना कैश बैंक में जमा करना होता है। इसके बाद बैंक अंडरटेकिंग जारी करता है। इसके बाद विदेश में उतना ही कैश ग्राहक को मिल जाता है। गोकुल के इस फर्जीवाड़े में मनोज खरात भी शामिल था। इन दोनों ने मोदी के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किये लेकिन मोदी से पैसा जमा नहीं करवाया।

इसके बाद शेट्टी और खरात ने स्विफ्ट ( सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाईनैशियल टेलिकम्यूनिकेशन्स) के जरिए विदेशी बैंकों को पैसे भिजवा दिए। लेकिन पीएनबी में कैश जमा नहीं किया और न ही कोई इंट्री की। इसके बाद कई आडिट होते रहे। लेकिन जब कोई इंट्री ही नहीं तो पकड़ भी नहीं हुई।

अब जबकि मामला खुल चुका है तो सीबीआई ने गोकुल और खरात के साथ ही हेमंत भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है। उम्मीद है कि इन तीनों से कई और बड़े खुलासे होंगे। जो कई रहस्य खोल सकते हैं।

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