Maharashtra: शिवसेना जैसी हो सकती है NCP की स्थिति, 40 विधायकों के समर्थन का दावा, महाराष्ट्र में बदले सियासी समीकरण
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में आया तूफान शरद पवार को बड़ा झटका देने वाला साबित हुआ है। शिवसेना में हुई बगावत के समय बड़ी-बड़ी बातें करने वाले शरद पवार आज खुद बगावत का शिकार हो गए। उनके भतीजे अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी में बड़ी टूट हो गई है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में आया तूफान शरद पवार को बड़ा झटका देने वाला साबित हुआ है। शिवसेना में हुई बगावत के समय बड़ी-बड़ी बातें करने वाले शरद पवार आज खुद बगावत का शिकार हो गए। उनके भतीजे अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी में बड़ी टूट हो गई है। मौजूदा समय में अजित पवार के साथ 18 विधायकों का समर्थन है।
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अजित पवार ने खुद डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है जबकि उनके साथी नौ अन्य एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है। अजित पवार और उनके समर्थक नेताओं की ओर से एनसीपी के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में एनसीपी की हालत शिवसेना जैसी हो सकती है।
40 विधायकों के समर्थन का दावा
महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले चुनाव के दौरान एनसीपी के कुल 54 विधायक चुने गए थे। इनमें से 18 विधायकों ने बागी तेवर दिखाते हुए अजित पवार का समर्थन किया है। वैसे खुद अजित पवार और उनके साथी एनसीपी नेताओं का दावा है कि उनके साथ 40 विधायक हैं। अजित पवार का दावा है कि आने वाले दिनों में एनसीपी के और विधायक भी उनके समर्थन में आ जाएंगे। अजित पवार और उनके साथी नेताओं का अगर यह दावा सही साबित होता है तो निश्चित रूप से शरद पवार की स्थिति भी उद्धव ठाकरे जैसी हो जाएगी। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना में बड़ी बगावत हुई थी और उसके बाद उद्धव ठाकरे के साथ गिने-चुने नेता ही रह गए हैं। वही स्थिति आने वाले दिनों में शरद पवार की भी हो सकती है।
जानकारों का कहना है कि विधानसभा की सदस्यता बचाने के लिए अजित पवार को दो तिहाई यानी 54 में से 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। यदि वे 40 विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रहे तो आने वाले दिनों में बागी तेवर दिखाने वाले विधायकों की सदस्यता पर भी कोई खतरा नहीं रहेगा।
छगन भुजबल ने भी किया बड़ा दावा
अजित पवार के साथ बागी तेवर दिखाने वाले छगन भुजबल ने कहा कि मैंने एनसीपी के बाकी विधायकों से संपर्क स्थापित किया है और कई विधायक आज शाम या रात तक मुंबई पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने अलग पार्टी नहीं बनाई है और एनसीपी के तौर पर ही सरकार को समर्थन दिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि हम उनके नेतृत्व में काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और देश के विकास के लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देना चाहिए। छगन भुजबल को शरद पवार का काफी करीबी माना जाता रहा है मगर आज उन्होंने भी अजित पवार के साथ पाला बदल लिया है।
संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी का हमला
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक करीबी राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अजित पवार के साथ जाने वाले सभी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें इस बाबत जानकारी थी कि एनसीपी में बड़ी टूट होने वाली है। संजय राउत ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि बगावत करने वाले कई विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। अब भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों को जेल भेजने की बात कही जा रही थी, उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए।
उद्धव ठाकरे की करीबी मानी जाने वाली एक और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग सिर्फ राजनीतिक अवसरवादी हैं और वे किसी भी कीमत पर अपनी सत्ता स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो विधायक भ्रष्ट थे और जिन्हें जेल भेजा गया था,उन्हें आज मंत्री बना दिया गया। उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को जेल भेजा जाना चाहिए।