पूजा खेडकर ने HC में दाखिला किया जबाव, सुनवाई कल, लगे आरोपों पर UPSC को ही दिखा दिया आईना
Pooja Khedkar Controversy: दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई 29 अगस्त को करेगा। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी भी दर्ज की है।
Pooja Khedkar Controversy: धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में फंसी पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर ने बुधवार को अपने खिलाफ लगे आरोपों को सारे खारिज कर दिया। साथ ही, सिविल सेवा की परीक्षा आयोजित करवानी वाली संस्था संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भी निशाने में लिया है। आरोपित पूर्व IAS प्रोबेशनर खेडकर कहना है कि संघ लोक सेवा आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। पूजा खेडकर UPSC द्वारा लगाए गए आरोपों पर दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिला किया। कोर्ट इस मामले में कल सुनवाई करने जा रहा है।
31 जुलाई को UPSC ने रद्द की थी उम्मीदवारी
बता दें कि धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगने के बाद बीते 31 जुलाई को यूपीएससी ने उनकी प्रोविजनल उम्मीदवारी रद्द करते हुए भविष्य की सभी परीक्षाओं या चयनों से प्रतिबंधित कर दिया था। UPSC द्वारा लगाए गए आरोपों का तर्क देते हुए पूजा खेडकर ने कहा कि एक बार प्रोबेशनर के रूप में चयनित और नियुक्त होने के बाद यूपीएससी के पास उनकी उम्मीदवारी को अयोग्य ठहराने का कोई अधिकार नहीं है।
कोई हेरफेरी नहीं की
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने यूपीएससी में अपने नाम में हेरफेरी नहीं की है या कोई गलत जानकारी नहीं दी है। वहीं, हाईकोर्ट ने इस मामले में खेडकर के जवाब पर यूपीएससी और दिल्ली पुलिस भी अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है।
आवेदक के पहले ना और उपमान में कोई बदलाव नहीं
रिपोर्ट में उनके जवाब के हवाले से कहा गया है कि 2012 से 2022 तक आवेदक के पहले नाम और उपनाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जैसा कि सभी डीएएफ में लगातार दर्शाया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यूपीएससी ने बायोमेट्रिक डेटा के साथ-साथ दस्तावेजों के माध्यम से उसकी पहचान सत्यापित की। रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 तक पूजा खेडकर ने पूजा दिलीपराव खेडकर नाम से परीक्षा दी। हालांकि 2021-22 में सभी प्रयासों के बाद पूजा ने कथित तौर पर 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' नाम का उपयोग करके दो और प्रयास दिए।
UPSC ने कोर्ट में दिया ये तर्क
इसको लेकर यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ कथित तौर पर अनुमत प्रयासों से परे परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान को गलत बताकर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस मामला दर्ज किया है। यूपीएससी ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा कि खेडकर से हिरासत में पूछताछ इसलिए जरूरी है ताकि इस “धोखाधड़ी” की गंभीरता का पता लगाया जा सके, जो अन्य व्यक्तियों की मदद के बिना नहीं की जा सकती थी।
कल होगी मामले की एचसी में सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई 29 अगस्त को करेगा। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी भी दर्ज की है।