आलू ने मचाया हाहाकार: प्याज के बाद अब इसने रुलाया, चल रहा ये खतरनाक खेल

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसी साल 29 जनवरी को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित ग्लोबल पोटेटो कंक्लेव में बताया था कि इस साल देश में आलू की पैदावार 52.52 मिलियन टन रहने का अनुमान है। यह एक रिकार्ड है।

Update:2020-10-26 13:32 IST
आलू ने मचाया हाहाकार: प्याज के बाद अब इसने रुलाया, चल रहा ये खतरनाक खेल

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन के कारण लोग महंगाई का सामना कर रहे हैं। आम हो या चाहे ख़ास हर किसी के रसोईघर में आलू और प्याज पहली जरूरत है। इनकी बढ़ती कीमतें जेब पर सीधा असर डालती हैं। दूसरी बात ये है कि बाज़ार में किसी चीज की किल्लत हो, और उसकी कीमत बढ़ जाए तो बात समझ में आती है। जबकि कोल्ड स्टोरेज आलू से भरा पड़ा है, तब भी आलू की कीमत 45 से 50 रुपये किलो चल रही है। इस स्थिति ने डिमांड और सप्लाई की थ्योरी को भी धता बता दिया है।

कोल्ड स्टोरेज आलू से भरे पड़े हैं

आंकड़ों से पता चला है कि इस समय देश में आलू की कोई कमी नहीं है। इसके सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के उद्यान निदेशालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, अभी राज्य के कोल्ड स्टोरेज में 30.56 लाख टन आलू लॉक है। इसमें से 8 लाख टन आलू बीज के लिए है। मतलब अभी भी करीब 22 लाख टन आलू खुले बाजार के लिए उपलब्ध है। यूपी में आलू की नई फसल नवंबर में आ जाएगी। तब तक पुराने आलू की महज 10 लाख टन ही खपत होगी।

मांग से बहुज ज्यादा आलू पैदा होता है

बता दें कि इस साल आलू की रिकार्ड पैदावार हुई है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसी साल 29 जनवरी को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित ग्लोबल पोटेटो कंक्लेव में बताया था कि इस साल देश में आलू की पैदावार 52.52 मिलियन टन रहने का अनुमान है। यह एक रिकार्ड है। इसमें से करीब 6 मिलियन टन आलू बीज के लिए रखा जाता है और 2.80 मिलियन टन आलू की ही प्रोसेसिंग होती है। करीब 6 लाख टन आलू का निर्यात भी होता है। इस समय देश में हर साल करीब 37 मिलियन टन आलू की खपत होती है। मतलब कि मांग से बहुज ज्यादा आलू पैदा होता है।

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जमाखोरी पर सरकार का नियंत्रण नहीं, बिचौलिए कर रहे खेल

कृषि क्षेत्र के जानकार रणधीर सिंह राणा का कहना है कि इसी साल केंद्र सरकार ने आलू और प्याज को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया है। इसी वजह से इन वस्तुओं की जमाखोरी पर सरकार का नियंत्रण रह नहीं गया है। पिछले दिनों जब प्याज ने 100 रुपये किलो का आंकड़ा पार किया तो केंद्र सरकार ने इसकी स्टॉक पर लिमिट लगाई। उसके बाद इसकी कीमत अपने आप नीचे आ गई। उसी तरह आलू पर भी एक्शन लेना होगा। नहीं तो बिचौलिए इसी तरह खेल करते रहेंगे।

पुराने आलू की निकासी के निर्देश

यूपी के अपर मुख्य सचिव, उद्यान, मनोज सिंह ने सभी कोल्ड स्टोरेज में आगामी 31 अक्तूबर के बाद कूलिंग मशीनें (Cooling Machines) न चलाने और पुराने आलू की निकासी के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद कोल्ड स्टोरेज में आलू के अधिक भंडारण की खबर छप रही है। कोल्ड स्टोरेज से पर्याप्त मात्रा में आलू नहीं निकलने की वजह से बाजार में इसके भाव तेज हैं।

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स्टोर से अभी आलू निकालने को तैयार नहीं

उत्तर प्रदेश के आलू बेल्ट आगरा में पिछले दिनों आलू किसानों की पंचायत हुई थी। उसमें पूर्व विधायक डा. धर्मपाल सिंह ने शासन पर आलू किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि आगामी 31 अक्टूबर तक कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने का निर्देश निंदनीय है। आलू की नई फसल की तो आगामी 20 नवंबर तक बुवाई ही चलेगी। इसके बाद ही किसान कोल्ड स्टोरेज से आलू निकाल पाएंगे। वैसे भी भंडारित रसीद पर भी 30 नवंबर तक आलू निकासी की समय सीमा दर्ज है।

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