देश की पहली नेत्रहीन महिला IAS ने संभाला कार्यभार, रुला देगी संघर्ष की कहानी

देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम में सहायक कलेक्टर के रूप में चार्ज संभाल लिया। प्रांजल इससे पहले केरल के एर्नाकुलम जिले में सहायक कलेक्टर की पोस्ट पर तैनात थी।

Update: 2023-08-12 07:13 GMT

तिरुवनंतपुरम: देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम में सहायक कलेक्टर के रूप में चार्ज संभाल लिया।

प्रांजल इससे पहले केरल के एर्नाकुलम जिले में सहायक कलेक्टर की पोस्ट पर तैनात थी। उन्होंने वर्ष 2016 में फर्स्ट अटेम्प्ट संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 733वीं रैंक प्राप्त की थी।




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रेलवे ने जॉब देने से किया था मना

जिसके बाद प्रांजल को उस समय भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) में जॉब मिली थी। वह जब ट्रेनिंग के लिए रेलवे मंत्रालय के पास पहुंची तो उन्हें रेलवे की तरफ से नौकरी देने से साफ मना कर दिया गया।

इसके पीछे रेलवे का तर्क था कि प्रांजल सौ फीसदी नेत्रहीन है। उनकी नेत्रहीनता को आधार मानकर उन्हें ये नौकरी नहीं दी जा सकती है। ये मामला मीडिया तक भी पहुंच गया।

इस मामले पर खूब खबरें भी छापी गई। उधर इन तमाम मुश्किलों के बाद भी प्रांजल ने हिम्मत नहीं हारी। उस वक्त उनका पूरा परिवार उनके साथ खड़ा था।

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यूपीएससी परीक्षा में हासिल की थी 124वीं रैंक

साल 2017 में फिर से यूपीएससी परीक्षा पास की और 124वीं रैंक हासिल की। उस वक्त उन्होंने बताया था कि वे बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं और उनका सपना अब जाकर पूरा हुआ है।

यहां आपको बता दे कि महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली प्रांजल पाटिल खासकर उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो परिस्थिति को बड़ा कारण मानकर जीवन में हार मान लेते हैं।

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