Presidential Election 2022: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने किया नामांकन दाखिल, दिखी विपक्षी एकता

Presidential Election 2022: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार य़शवंत सिन्हा को समर्थन देने का फैसला किया है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
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Update: 2022-06-27 07:45 GMT

 यशवंत सिन्हा (फोटो: सोशल मीडिया )

Presidential Election 2022 : राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) ने सोमवार (27 जून 2022) को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान, विपक्ष ने पूरी ताकत से अपनी एकता दिखाने की कोशिश की। बता दें कि, यशवंत सिन्हा के नामांकन दाखिल प्रक्रिया में शामिल होने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां मौजूद रहे।

वहीं, कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए। जबकि, समाजवादी पार्टी की तरफ से अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद राम गोपाल यादव मौजूद रहे। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के जयंत चौधरी तथा एन के प्रेमचंद्रन (RSP), फारूक अब्दुल्ला (NC), ए राजा, टी शिवा (DMK), डी राजा (भाकपा), केटी राव और नामा नागेश्वर राव (TRS) भी मौजूद रहे। 

28 जून से करेंगे अभियान की शुरुआत

यशवंत सिन्हा ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि वो 28 जून से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। साथ ही ये भी कहा कि, अगर वह राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं तो राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को तत्काल ख़त्म कर देंगे। साथ ही, ये भी सुनिश्चित करेंगे कि न्याय और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए क्या किया जा सकता है।

दक्षिण के राज्यों से अभियान की शुरुआत !

राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि, 'उनका अभियान तमिलनाडु के चेन्नई से शुरू होने की संभावना है। वो पहले दक्षिणी राज्यों में समर्थन मांगेंगे। फिर बाद में उत्तर के राज्यों में जाएंगे।' 

NDA कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू कर चुकी हैं नामांकन दाखिल  

इससे पहले, 24 जून को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने नामांकन दाखिल किया था। द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान NDA ने भी एकजुटता दिखाई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सहित तमाम बड़े नेता मौजूद थे। द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में प्रधानमंत्री मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने थे। 

यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का फैसला

बतातें चलें कि कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए समर्थन देने का फैसला किया है। नामांकन के दौरान एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा नेता सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी समेत कई अन्य विपक्षी नेता भी मौजूद रहेंगे।

हालांकि ममता बनर्जी को लेकर संशय बना हुआ है कि वह नामांकन के समय मौजूद रहेगी कि नहीं क्योंकि पष्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में उनकी एक जनसभा आज प्रस्तावित है।

यशवंत सिन्हा भाजपा के नेतृत्व वाली अटल सरकार में वित्त मंत्री रह चुके है। वह 2018 तक भाजपा में ही रहे बाद में मतभेद होने पर वह भाजपा से अलग हो गए। वह पिछले कई सालों से केन्द्र में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियोंकी आलोचना करते रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली पार्टी का सदस्य रहने के दौरान अपने रिकार्ड पर गर्व है।

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