Wrestlers Protest: अहंकारी बीजेपी सरकार महिला खिलाड़ियों की आवाज को बूटों तले रौंद रही है- प्रियंका गांधी

Wrestlers Protest: महिला पहलवानों के प्रदर्शन पर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीखी नाराजगी व्यक्त की है। राहुल गांधी ने भी अहंकारी राजा कहा है

Update:2023-05-28 20:29 IST
फाइल फोटो- प्रियंका गांधी (साभार सोशल मीडिया)

Wrestlers Protest: महिला पहलवानों के प्रदर्शन पर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीखी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं। उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है। भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है। ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।"

इससे पहले 29 अप्रैल को प्रियंका गांधी ने जंतर-मंतर पर जाकर महिला पहलवानों से मुलाकात भी की थी। उन्होंने महिला पहलवानों के साथ करीब एक घंटा बिताया था। इस दौरान उनकी परेशानी सुनी, सांत्वना दी और सरकार से सवाल भी किए। प्रियंका गांधी ने निशाना साधते हुए पूछा था कि सरकार बृजभूषण सिंह को क्यों बचा रही है?

"प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक मर्यादा पर हमला है"

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राष्ट्रपति का पद किसी व्यक्ति विशेष का पद नहीं होता बल्कि वह राष्ट्र प्रमुख का पद होता है। इसलिए प्रोटोकॉल का यह उल्लंघन संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन है। चूंकि 'संविधान हम भारत के लोग' द्वारा निर्मित और स्वयं को आत्म अर्पित है इसलिए राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल का उल्लंघन प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक मर्यादा पर हमला है। इसमें लोकतंत्र के कमजोर होने और सत्ता के व्यक्तिवादी निरंकुशता की तरफ बढ़ने के खतरे निहित हैं।

समूचे वंचित समुदाय का भी अपमान है: शाहनवाज

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रपति महोदया आदिवासी समाज से आने वाली महिला भी हैं। उनके इस पद पर आसीन होने को वंचित तबकों खासकर इन समाजों की महिलाओं के सशक्तिकरण के बतौर देखा गया। इसलिए यह अपमान सिर्फ़ एक व्यक्ति के बतौर उनका अपमान नहीं बल्कि समूचे वंचित समुदाय का भी अपमान है। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा और वंचित समुदायों के सम्मान के लिए वो स्वयं इस अपमान का विरोध कर अपने पद की गरिमा की रक्षा के लिए आवाज़ उठाएं। पूरा देश उनके साथ खड़ा है।

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