भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को जानने के लिए किया जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन

Climate Change In India: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में आज यानी 22 दिसंबरको "जन संवाद" कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Newstrack :  Network
Update:2022-12-22 20:21 IST

Climate Change in India (photo: social media )

Climate Change In India: जलवायु परिवर्तन का दंश बुंदेलखंड के प्रत्येक निवासी को पता है। प्राकृतिक आपदाओं से हर वर्ग का व्यक्ति प्रभावित होता है मगर किसान इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में इन समस्याओं पर इसकी चिंता ऋषि मुनियों ने की है। आज के समय मे इस चिंतन और शोध का कार्य हमारे शिक्षक, नीति निर्माता और समाजसेवी कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों के साथ मिलकर काम करना होगा। आधुनिकता की चमक में हो रहे अनावश्यक प्रकृति के दोहन को रोकना होगा।यह बात रामकेश निषाद, राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, ने आज यहाँ कही।

बाढ़ एवं सूखे के कारण विस्थापन तेज हुआ: डॉ. राजेन्द्र सिंह

जल पुरुष बाढ़ सुखाड़ लोक विश्व आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि बाढ़ एवं सूखे के कारण विस्थापन तेज हुआ है। यह बाढ़ और सूखे की समस्या इतनी विराट हो चुकी है कि तीसरे विश्व युद्ध का कारण भी यही जल की समस्या ही होगी। विश्व को इस परिस्थिति से सिर्फ भारत ही बचा सकता है क्योंकि त्रेता युग से भारत को ऐसे सूखे एवं बाढ़ से निपटने का अनुभव है। उन्होंने विवि के शिक्षकों और विद्यार्थियों को बुंदेलखंड के सूखे और गंगा में आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य करने का आह्वान किया।

ज़मीनी स्तर पर कार्यान्वित करने पर चिंतन करना आवश्यक: आचार्य संजय सिंह

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि शोध कार्यों को ज़मीनी स्तर पर कार्यान्वित करने पर चिंतन करना आवश्यक है। विवि 'लैब से लैंड तक कि यात्रा ' तय करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस दिशा में विवि ने पांच गांव भी गोद लिए हैं जहां लगातार बदलाव और विकास कार्यों किये जा रहे हैं।

बाढ़ एवं सूखा सभी जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्या: प्रो नवीन कुमार अरोरा

पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो नवीन कुमार अरोरा ने सभी का कार्यक्रम में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं सूखा ये सभी जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्या है, इससे निपटने के लिए पूरे विश्व को एक साथ काम करना होगा। उन्होंने बाढ़ और सूखा जैसी समस्याओं को प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि मानवजनित आपदा बताया।

बीबीएयू के अकैडमिक अफेयर्स के डीन प्रो. राणा प्रताप सिंह ने देश को बाढ़, सूखा एवं अन्य पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने में पूरा विवि साथ है और इस दिशा में हम कई प्रयास भी कर रहे हैं। बाढ़ सुखाड़ विश्व लोक आयोग ने जनरल सेक्रेटरी डॉ आशुतोष तिवारी ने आयोग की गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। हिमालयन रिवर बेसिन कॉउंसिल के अध्यक्ष डॉ. इंद्रा खुराना ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के साथ समाधान तलाशने पर भी ध्यान देना चाहिए।

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में आज यानी 22 दिसंबरको "जन संवाद" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बीबीएयू, बाढ़ सुखाड़ लोक विश्व आयोग एवं परमार्थ संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। यह संवाद "जलवायु परिवर्तन से बाढ़ एवं सुखाड़ के बढ़ते परिदृश्य" विषय पर आयोजित किया गया । जिसमें 20 जिलों से आये किसानों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं नीति निर्माताओं के बीच जलवायु परिवर्तन की समस्या और उसके समाधान से जुड़ा संवाद स्थापित किया गया।

पानी की आवाज़ पुस्तक का विमोचन

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिल्पा पांडेय ने किया। कार्यक्रम मे बुंदेलखंड के जलपुरुष डॉ संजय सिंह के सामजिक कार्यों पर आधारित"पानी की आवाज़" पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर डॉ निवेदिता वार्ष्णेय, कंट्री हेड, वेल्टहंगरहिल्फे समेत बड़ी संख्या में विवि के शिक्षक, 20 जिलों से आए किसान, विद्यार्थी, शोध छात्र एवं कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में बाढ़ सुखाड़ आयोग के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. संजय सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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