पुलवामा की बरसीः सात किलो आरडीएक्स के संकेत, पाक मांगे रिपीट बालाकोट

14 फरवरी, 2019 वह तारीख थी जब पाकिस्तानी साजिश से हुए आरडीएक्स के शक्तिशाली विस्फोट से सीआरपीएफ जवानों के एक काफिले पर हमला कर देश को हिला दिया गया था। पूरा देश स्तब्ध था। हर आदमी अवाक था। सदमे में था।

Update:2021-02-14 14:51 IST
पुलवामा की बरसीः सात किलो आरडीएक्स के संकेत, पाक मांगे रिपीट बालाकोट

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली: पुलवामा कांड की दूसरी बरसी पर जम्मू में बस स्टैंड के पास सात किलो विस्फोटक की बरामदगी से एक बार फिर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का चेहरा बेनकाब हुआ है। इससे ये भी साबित होता है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सात किलो आरडीएक्स की बरामदगी एक खतरनाक साजिश की ओर इशारा कर रही है। संभव है आरडीएक्स कुछ और जगह भी छिपाया हुआ हो।

शक्तिशाली विस्फोट से 40 सैनिकों की शहादत

कारण यह है कि 14 फरवरी, 2019 वह तारीख थी जब पाकिस्तानी साजिश से हुए आरडीएक्स के शक्तिशाली विस्फोट से सीआरपीएफ जवानों के एक काफिले पर हमला कर देश को हिला दिया गया था। पूरा देश स्तब्ध था। हर आदमी अवाक था। सदमे में था। ये हमला उस समय हुआ था जब जवान जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर पुलवामा जिले के लाटूमोड में फिर से ड्यूटी पर लौट रहे थे।

शक्तिशाली विस्फोट से 40 सैनिकों की शहादत हुई। इस जघन्य कांड को 60 किलो आरडीएक्स से अंजाम दिया गया था। यह विस्फोट एक आत्मघाती हमलावर ने किया था। उसने एक कार में विस्फोटकों को भरकर सीआरपीएफ के काफिले के ट्रक से भिड़ा दिया था। भारत को अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए यह हमला पाकिस्तान ने कराया था।

आरडीएक्स की बरामदगी खतरनाक आतंकी साजिश

भारत आज जबकि इस कायरतापूर्ण आतंकी हमले की दूसरी बरसी मना रहा है और 14 फरवरी 2019 को शहीद हुए वीर जवानों के बलिदान को याद कर रहा है। ऐसे समय में सात किलो आरडीएक्स की बरामदगी खतरनाक आतंकी साजिश की ओर इशारा कर रही है।

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2019 में हुए पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) ने ली थी। पुलिस ने आत्मघाती हमलावर की पहचान 22 वर्षीय आदिल अहमद डार के रूप में की थी। वह 2018 में जैश में शामिल हुआ था। डार एक पतली गली से अपनी मारुति ईको को राजमार्ग पर लाया और सीआरपीएक के काफिले में घुस गया। कार आरडीएक्स विस्फोटकों से भरी थी और विस्फोट का प्रभाव इतना था कि काफिले का एक बस पिघल कर लोहे का टुकड़ा बन गई थी। घाटी में उग्रवाद शुरू होने के बाद से पिछले 40 साल में पुलवामा आतंकी हमला सबसे खतरनाक बताया जाता है।

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पुलवामा का सबक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले के मात्र 12 दिन के अंदर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले कर वहां जंगल में बने कई जैश कैंपों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था। एक अनुमान के मुताबिक इस हमले में बालाकोट हवाई अड्डे और आसपास के इलाकों में लगभग 300 आतंकवादी मारे गए थे। उस हमले के बाद से, ऐसा माना जा रहा था कि पाकिस्तान अब भारतीय क्षेत्र के अंदर किसी और बड़े आतंकी हमले हिम्मत नहीं जुटा पाएगा लेकिन पिछले कुछ महीनों से जिस तरह से घाटी में गोला बारूद का जखीरा मिल रहा है उससे लगता है कि पाकिस्तान पिछला सबक भूल चुका है। उसे एक बार फिर सबक लेने की जरूरत महसूस हो रही है।

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