मानवता की सेवा का लक्ष्य, सेवा भाव के बदले में दुआ की आस
देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की हाल बदतर है। दरअसल पेशेवर चिकित्सक गांवों की ओर रूख करना नहीं चाहते। ग्रामीण इलाकों में बने हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर शायद ही डॉक्टरों के दर्शन हो पाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों का इतना अभाव होने के पीछे डॉक्टरों की कमी वजह नहीं है बल्कि इसकी वजह कुछ और ही है।
मोगा: देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की हाल बदतर है। दरअसल पेशेवर चिकित्सक गांवों की ओर रूख करना नहीं चाहते। ग्रामीण इलाकों में बने हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर शायद ही डॉक्टरों के दर्शन हो पाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों का इतना अभाव होने के पीछे डॉक्टरों की कमी वजह नहीं है बल्कि इसकी वजह कुछ और ही है। एमबीबीएस, एमडी, एमएस आदि की पढ़ाई कर ये डॉक्टर इस पेशे का भरपूर दोहन करने का लक्ष्य बना कर चलते हैं।सेवा करने का लक्ष्य उनके लिए बेमानी न होता तो आज ये हालात न होते। चिकित्सा क्षेत्र में इन हालातों के बावजूद पंजाब के कुछ चिकित्सकों का सेवा भाव आज इस पेशे से जुड़े लोगों के लिये प्रेरणा का काम कर रहा है।
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हर मर्ज की जांच सिर्फ दस रूपये में
मानवता की सेवा के लक्ष्य से काम करने वाले इन डॉक्टरों के लिए गरीबों की दुआएं ही असली फीस और मुनाफा है। पंजाब के मोगा स्थित मोगा मेडिसिटी अस्पताल में हर मर्ज की जांच सिर्फ दस रूपये में होती है।यहां दस रूपये में ह्रदय रोग विशेषज्ञ, एमडी मेडिसिन , शिशु रोग विशेषज्ञ ,स्त्री रोग विशेषज्ञ ,सर्जन, आंख् नाक कान गला रोग विशेषज्ञ सभी प्रकार के चिकित्सक उपलब्ध हैं। मेडिसिटी अस्पताल में 50 रु में ईसीजी और 5000 हजार रु में एंजियोग्राफी का टेस्ट किया जाता है।इतना ही नहीं अस्पताल में उपचार के साथ दवा मुफ्त में दी जाती है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ अशोक उप्पल और उनके पुत्र डॉ सलिल उप्पल नि:शुल्क दवाखाना चलाते है। डॉ अशोक उप्पल विख्यात न्यूरोलॉजिस्ट है।
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लुधियाना की एकनूर सेवा केंद्र नाम की संस्था यहां के सिविल अस्पताल में नेकी का दवाखना चलाती है।इस दवाखाने से मरीजों को मंहगी से मंहगी दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है।
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