Qutub Minar News : कुतुब मीनार में होगी मूर्तियों की जांच, परिसर से 15 मीटर की दूरी पर होगी खुदाई

Qutub Minar News : देश की कई इमारतों को लेकर जुड़े विवाद के बीच एएसआई की टीम जल्दी कुतुब मीनार परिसर में दौरा कर वहां मौजूद मूर्तियों की इकॉनोग्राफी जांच करेगी।

Report :  Rajat Verma
Update: 2022-05-22 08:48 GMT

Qutub Minar (Image Credit : Social Media) 

Qutub Minar Controversy : दिल्ली के लाल कोट स्थित कुतुब मीनार (Qutub Minar) के परिसर में अब खुदाई का काम किया जाएगा। आपको बता दें कि यह खुदाई का कार्य मस्जिद से करीब 15 मीटर की दूरी पर जगह को चिन्हित कर किया जाएगा। इस मामले में प्राप्त सूचना के आधार पर संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने कुतुब मीनार परिसर में खुदाई के साथ ही मौजूद मूर्तियों की इकॉनोग्राफी (Iconography) जांच कराने के आदेश भी पारित कर दिए हैं।

कुतुब मीनार को लेकर किया जा रहा है ये दावा

आपको बता दें कि कुतुब मीनार विवाद का मुद्दा तब तेज़ी से गहरा गया जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने इसे हिंदुओं द्वारा निर्मित कराए जाने को लेकर बेहद ही सनसनीखेज खुलासा किया। इस खुलासे के मद्देनज़र यह बताया गया कि कुतुब मीनार का असल निर्माण राजा विक्रमादित्य ने विशेषकर सूर्य दर्शन के लिए किया था और वह प्रतिदिन यहां जाकर सूर्य भगवान के दर्शन किया करते थे। धर्मवीर शर्मा के इस के इस खुलासे के बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा और देखते ही देखते कई हिन्दू संगठनों ने इस ओर अपना समर्थन जारी कर दिया। हिन्दू संगठनों द्वारा इस बाबत कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ किए जाने की मांग जारी है।

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid), शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Masjid) व ताजमहल (Taj Mahal) के बाद अब शुरू हुए इस कुतुब मीनार विवाद के बाद संस्कृति मंत्रालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए थे, जिसके तहत संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने 12 सदस्यी टीम के साथ कुतुब मीनार परिसर का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण दल में संस्कृति सचिव के अतिरिक्त कई इतिहासकार और शोधकर्ता मौजूद रहे। इस निरीक्षण के आधार पर ही बताया जा रहा है कि संस्कृति मंत्रालय ने कुतुब मीनार परिसर में खुदाई और मूर्तियों की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

लंबित हैं कई शोध

निरीक्षण दल की मानें तो कुतुब मीनार में 1991 के बाद से अभीतक कोई जांच या शोध कार्य आयोजित नहीं हुआ है। इसलिए यह खुदाई अन्य मामलों में भी अहम है, जिससे कई छिपी हुई जानकारियां सामने आ सकती हैं।

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