राफेल जल्द आ रहा भारत: रक्षामंत्री खुद पेरिस में करेंगे 'शस्त्र पूजन'
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस में शस्त्रों की पूजा करेंगे। इस बार दशहरें के शुभ अवसर पर राजनाथ सिंह पेरिस में रहेंगे। भारत को अपना राफेल विमान 8 अक्टूबर को मिलने वाला है। जिससे हमारे देश की रक्षा के लिए लाया जा रहा है और खुशी की बात तो यह है कि इस विमान को लेने रक्षा मंत्री खुद जा रहें हैं।
नई दिल्ली : देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस में शस्त्रों की पूजा करेंगे। इस बार दशहरें के शुभ अवसर पर राजनाथ सिंह पेरिस में रहेंगे। भारत को अपना राफेल विमान 8 अक्टूबर को मिलने वाला है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वायुसेना का पहला राफेल विमान लेने के लिए आज फ्रांस रवाना हो गए हैं। इस दौरान वे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों से भी मिलेंगे। राजनाथ सिंह विदेश में भारतीय मूल्यों को बरकरार रखते हुए पेरिस में शस्त्र पूजन (हथियारों की पूजा) भी करेंगे।
मंगलवार सुबह राजनाथ सिंह का फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात का कार्यक्रम है। जिस दिन वायुसेना को पहला राफेल विमान मिलेगा उसी दिन भारत में दशहरा भी मनाया जाएगा। इस खास दिन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस में 'शस्त्र पूजा' (हथियारों की पूजा) भी करेंगे। पूजा करने के बाद वे राफेल विमान में उड़ान भरेंगे ।
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वायुसेना दिवस पर भरेंगे उड़ान
आपको बता दें कि सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह फ्रांस में सबसे पहले राफेल फाइटर जेट में एक उड़ान भरेंगे। बेहद जरुरी बात ये है कि जिस दिन यह भारत को दिया जाएगा उसी दिन भारतीय वायुसेना भी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोर्डिओक्स के पास मेरिनैक में राफेल जेट को उसी दिन रिसीव करेंगे। बताया जाता है कि 9 अक्टूबर को राजनाथ सिंह, एयर मार्शल एचएस अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारियों के साथ पेरिस पहुंचेंगे।
बता दें कि शस्त्र पूजन हिंदुओं की बहुत पुरानी हिंदू परंपरा है। इस परंपरा के अनुसार, घर में रखे सभी हथियारों की पूजा की जाती है। बता दें कि राजनाथ सिंह गृहमंत्री रहते हुए भी शस्त्र पूजन किया करते थे।
भारत ने 2016 में फ्रांस के साथ 58,000 करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए करार किया था। यह विमान बड़ी मात्रा में शक्तिशाली हथियार और मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं।
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भारतीय वायु सेना को काफी लंबे समय से राफेल विमान का इंतजार था। क्योंकि भारत के पास आने वाला यह सबसे आधुनिक और अधिक मारक क्षमता वाला विमान होगा। इन विमानों को भारत लाने में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि राफेल विमानों के परीक्षण और ट्रेनिंग के लिए भारतीय पायलट इन्हें फ्रांस में कम-से-कम 1,500 घंटे उड़ाएंगे।
बता दें कि इस उड़ान के दौरान राफेल विमान स्कैल्प मिसाइल से लैस होंगे, जो 300 किलोमीटर की रेंज में जमीन पर वार कर सकती है। ट्रेनिंग और परीक्षण पूरा होने के बाद राफेल को भारतीय वायुसेना के अंबाला बेस में लाया जाएगा।
ये है राफेल विमान
जानकारी के लिए बता दें कि राफेल एक फ्रांसीसी कंपनी डैसॉल्ट एविएशन निर्मित दो इंजन वाला मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) है। राफेल लड़ाकू विमानों को 'ओमनिरोल' विमानों के रूप में रखा गया है, जो युद्ध की घड़ी में बेहद खास रोल निभाने में सक्षम हैं।
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