राफेल पर चिदंबरम का सवाल- जब सस्ते में किया सौदा, तो 36 ही क्यों खरीदे?

चिदंबरम ने ट्वीट करके मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि अगर सरकार को राफेल विमान 9 से 20 फीसदी तक सस्ते दाम पर मिल रहे हैं तो फिर इनकी संख्या 126 से घटाकर 36 क्यों की गई है।

Update: 2018-12-15 06:14 GMT

नई दिल्ली: राफेल को लेकर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह कहते हुए फैसला सुना दिया कि इसकी कीमत और जरूरत तय करना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, लेकिन इस मुद्दे पर विवाद जारी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने सरकार पर हमलावर होते हुए फैसले से ही सामने आए कई मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है। अब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि मोदी सरकार देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है।

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चिदंबरम ने ट्वीट करके मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि, “अगर सरकार को राफेल विमान 9 से 20 फीसदी तक सस्ते दाम पर मिल रहे हैं तो फिर इनकी संख्या 126 से घटाकर 36 क्यों की गई है।?”



उन्होंने कहा कि, 'भारतीय वायुसेना का खुद कहना है कि उसकी हवाई ताकत में कमी आई है और उसे कम से कम 7 स्कवाड्रन यानी 126 विमानों की जरूरत है। तो सरकार क्यों सिर्फ दो ही स्कवाड्रन यानी सिर्फ 36 विमान खरीद रही है?”

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उन्होंने कहा कि राफेल 126 विमान बेचने को तैयार है। वित्त मंत्रालय के अनुसार दाम सस्ते हैं। तो क्यों 36 विमान खरीदे जा रहे हैं? क्या कोई इस गुत्थी को सुलझा सकता है? चिदंबरम ने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि कम विमानों को खरीदकर सरकार ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।



गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि राफेल विमानों के सौदे में ‘चोरी’ हुई है। उन्होंने कहा था कि इस मामले पर आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट का जिक्र किया है, जबकि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं।

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