Agneepath Scheme: रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ योजना का हो रहा विरोध, राहुल- प्रियंका ने पीएम मोदी पर बोला हमला
Agneepath Scheme: कांग्रेस और बसपा ने युवाओं के आक्रोश को जायज ठहराते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है।
Agneepath Scheme: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का देश में जबरदस्त विरोध हो रहा है। देश के छह राज्यों से हिंसक प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं। बिहार, यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में युवा सड़कों पर हैं। बिहार में विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है। तो वहीं हरियाणा के पलवल में हंगामा कर रहे छात्रों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। रोहतक में एक छात्र ने तो केंद्र की इस योजना से आहत होकर सुसाइड कर लिया है।
वहीं युवाओं के इस विरोध – प्रदर्शन को विपक्षी दलों का साथ मिला है। कांग्रेस और बसपा ने युवाओं के आक्रोश को जायज ठहराते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद ने ट्वीट कर लिखा, न कोई रैंक, न कोई पेंशन न 2 साल से कोई direct भर्ती न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य न सरकार का सेना के प्रति सम्मान देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हे 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।
प्रियंका गांधी ने भी साधा पीएम मोदी पर निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी देश के कई राज्यों में नई सेना भर्ती के खिलाफ चल रहे विरोध – प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की आँखों में देशसेवा, माँ-बाप की सेवा, घर परिवार और भविष्य के तमाम सपने होते हैं नई सेना भर्ती योजना उन्हें क्या देगी ? 4 साल बाद न हाथ में नौकरी की गारंटी, न पेंशन की सुविधा= नो रैंक, नो पेंशन। नरेंद्र मोदी जी युवाओं के सपने को मत कुचलिए।
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने भी सिलसिलेवार ट्वीट करके अग्निपथ योजना का विरोध किया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, देश में पहले से ही बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी एवं सरकार की गलत नीतियों के कारण लोग दुःखी हैं। ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बैचेनी अब निराशा उत्पन्न कर रही है। बीएसपी की मांग है कि सरकार फौरन इस निर्णय पर पुर्नविचार करे।