Rahul Gandhi Meets Vegetable Vendor: सब्जी विक्रेता के साथ राहुल गांधी ने किया लंच, किया भावुक पोस्ट
Rahul Gandhi Meets Vegetable Vendor: राहुल गांधी ने ट्वीटर पर लिखा कि 'रामेश्वर जी एक ज़िंदादिल इंसान हैं!' उनमें करोड़ों भारतीयों के सहज स्वभाव की झलक दिखती है। विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए मज़बूती से आगे बढ़ने वाले ही सही मायने में 'भारत भाग्य विधाता हैं।'
Rahul Gandhi Meets Vegetable Vendor: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को एक सब्जी विक्रेता रामेश्वर से मुलाकात और उनके साथ अपने घर पर खाना खाया। इसके बाद रामेश्वर से अपने मुलाकात की तस्वीर को सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा कि, रामेश्वर जी एक ज़िंदादिल इंसान हैं! उनमें करोड़ों भारतीयों के सहज स्वभाव की झलक दिखती है। विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए मज़बूती से आगे बढ़ने वाले ही सही मायने में 'भारत भाग्य विधाता' हैं” इससे पहले रामेश्वर ने एक वीडियो में राहुल गांधी से मिलने की इच्छा जताई थी। वह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। राहुल गांधी से मिलने के बाद की खुशी रामेश्वर के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है।
रामेश्वर जी एक ज़िंदादिल इंसान हैं!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 14, 2023
उनमें करोड़ों भारतीयों के सहज स्वभाव की झलक दिखती है।
विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए मज़बूती से आगे बढ़ने वाले ही सही मायने में 'भारत भाग्य विधाता' हैं। pic.twitter.com/DjOrqzLwhj
वायरल वीडियो में राहुल गांधी से मिलने की जताई थी इच्छा
गौरतलब है कि मीडिया दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में रामेश्वर से महंगाई को लेकर बात करने गई थी। वीडियो में बात करते समय रामेश्वर भावुक हो गए थे और उनकी आंखे भर आई थी। उन्होंने कहा था कि टमाटर काफी महंगा है, खरीदने की हिम्मत नहीं पड़ती। पूछे जाने पर कि बाजर में किस भाव में टमाटर बिक रहे हैं तो उन्होंने कहा कि पता नहीं। रामेश्वर ने कहा कि जो भी चीज खरीदने जाओ सब मंहगी हो गई हैं। इस वीडियो ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
अमीर-गरीब के बीच की खाई भरनी होगी
वीडियो देखने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि भारत दो वर्गों में बंटता जा रहे है। एक तरफ सत्ता संरक्षित ताकतवर लोग हैं, जिनके इशारों पर देश की नीतियां तय होती हैं। वहीं दूसरी तरफ भारतीय आम लोग हैं, जिनकी पहुंच सब्जी जैसी बुनियादी चीजो से भी दूर होती जा रही है। हमें गरीब-अमीर के इस खाई को भर उनके आंसुओं को पोछना होगा।