Rahul Gandhi Membership: राहुल की सांसदी रद्द करने जैसी तेजी बहाली में नहीं, उठने लगे सवाल, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
Rahul Gandhi Membership Case: मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सांसदी अभी तक बहाल नहीं हुई है। राहुल गांधी की सांसदी रद्द करने में जितनी तेजी दिखी थी, वैसी तेजी उनकी सांसदी बहाल करने में नहीं दिखी है।
Rahul Gandhi Membership Case: मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सांसदी अभी तक बहाल नहीं हुई है। राहुल गांधी की सांसदी रद्द करने में जितनी तेजी दिखी थी, वैसी तेजी उनकी सांसदी बहाल करने में नहीं दिखी है। इसे लेकर अब सवाल उठाए जाने लगे हैं। कांग्रेस का कहना है कि सूरत की सत्र अदालत की ओर से गत 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार दिए जाने के 24 घंटे बाद ही उनकी सांसदी रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी गई थी मगर उनकी सांसदी बहाल करने में जानबूझकर देरी की जा रही है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी उन पर तीखा हमला बोल सकते हैं। इसीलिए राहुल गांधी की सांसदी बहाल करने में देरी की जा रही है।
फैसले के बाद खड़गे ने दिया बड़ा बयान
मोदी सरनेम केस में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगा दी थी। हालांकि इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी भी की थी कि इसमें कोई शक नहीं कि राहुल गांधी का बयान अच्छे संदर्भ में नहीं था। शीर्ष अदालत ने दोष सिद्धि पर रोक लगाते हुए कहा था कि ट्रायल कोर्ट में मानहानि के अपराध के लिए भी भारतीय दंड संहिता के तहत निर्धारित दो साल की अधिकतम सजा देने का कोई विशेष कारण नहीं बताया जबकि अपराध असंज्ञेय है। वैसे दोष सिद्धि पर रोक लगाए जाने के फैसले से राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने और अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद ही कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि जब राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया था तब 24 घंटे में उनकी संसद सदस्यता छीन ली गई थी। अब यह बात देखने वाली होगी कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितना वक्त लिया जाता है। खड़गे के इस बयान से साफ हो गया था कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले ही राहुल की सांसदी बहाल करने के लिए दबाव बनाएगी। कांग्रेस की रणनीति संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी को आगे करके मोदी सरकार को घेरने की है।
कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा
कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही राहुल की सांसदी बहाल करने के लिए स्पीकर पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था मगर शनिवार को इस दिशा में कोई कदम न उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने तीखा हमला बोला। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से राहुल गांधी की सांसदी छीनने में जैसी तेजी दिखाई गई थी, वैसी तेजी उनकी सांसदी बहाल करने में नहीं दिखी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि गत 23 मार्च को सूरत की सत्र अदालत की ओर से राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के दूसरे दिन ही उनकी सांसदी छीन ली गई थी मगर अब उनकी सांसदी बहाल करने में विलंब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि राहुल की सांसदी अब तक क्यों नहीं बहाल की गई?
मोदी सरकार को घेरते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि क्या सरकार को इस बात का डर सता रहा है कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर सकते हैं? लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त से चर्चा होने वाली है और प्रधानमंत्री 10 अगस्त को चर्चा का जवाब देंगे।
स्पीकर के रवैए पर उठाए सवाल
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी स्पीकर के रवैए पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने में जैसी तत्परता दिखाई गई,वैसी ही तत्परता उनकी सांसदी बहाल करने में भी दिखाई जानी चाहिए। चौधरी ने कहा कि मैंने शुक्रवार की रात ही स्पीकर ओम बिरला से फोन पर बातचीत करके उन्हें न्यायालय के कागजात सौंपने की बात कही थी। इस पर स्पीकर का कहना था कि वे शनिवार को इस बाबत बातचीत करेंगे।
शनिवार को स्पीकर ने लोकसभा महासचिव से संपर्क करके उन्हें कागजात सौंपने का निर्देश दिया। लोकसभा महासचिव को फोन करने पर उन्होंने अपना दफ्तर बंद होने की दलील दी। उन्होंने राहुल गांधी से जुड़े न्यायालय के कागजात स्पीकर को सौंपने की बात कही। चौधरी ने कहा कि दोनों बात को एक-दूसरे पर टालते रहे जबकि इस दिशा में त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए।
कांग्रेस सरकार पर इसलिए बना रही दबाव
राहुल गांधी की सांसदी का मामला अब सियासी रूप से गरमाने लगा है। दरअसल विपक्ष की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्पीकर ओम बिरला स्वीकार कर चुके हैं। विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पर तत्काल बहस के लिए दबाव बनाया जा रहा था मगर स्पीकर ने बहस की तारीख 8 अगस्त को तय की है। अब कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले राहुल गांधी की सांसदी बहाल करने का दबाव बढ़ा दिया है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से इस दिशा में अभी तक कदम न उठाए जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। माना जा रहा है कि यदि स्पीकर ने जल्द इस दिशा में कदम नहीं उठाया तो इस मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा होना तय है।