Bilkis Bano Case: अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ ये न्याय की जीत....', सुप्रीम फैसले पर बोले राहुल गांधी

Bilkis Bano Case: राहुल गांधी ने बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह बिलकिस बानो के अथक संघर्ष का अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ न्याय की जीत का प्रतीक है।

Update: 2024-01-08 13:19 GMT

बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी ने कहा- अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ ये न्याय की जीत: Photo- Social Media

Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो बलात्कार मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और सभी 11 दोषियों को फिर से जेल भेज दिया। शीर्ष अदालत के इस फैसले से विपक्षी दलों के नेता काफी खुश हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बिलकिस बानो के संघर्ष की जीत है।

लोकतंत्र व्यवस्था के लिए खतरनाक है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि चुनावी फायदे के लिए न्याय की हत्या की प्रवृति लोकतंत्र व्यवस्था के लिए खतरनाक है। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने खुद बता दिया की आपराधियों का संरक्षक कौन है। बिलकिस बानो का संघर्ष अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ न्याय की जीत का प्रतीक है।

जनता का भरोसा और मजबूत होगा-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा,‘ इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर से पर्दा हट गया है। इसके बाद न्याय व्यवस्था पर जनता का भरोसा और मजबूत होगा। अपनी लड़ाई बहादुरी से जारी रखने के लिए बिलकिस बानो को बधाई।‘

गुजरात सरकार को झटका

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो बलात्कार केस और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले में 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को पलट दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने अपना फैसला सुनाया है।

12 अक्टूबर को सुरक्षित रखा था फैसला

बेंच ने लगातार 11 दिन तक सुनवाई के बाद पिछले साल 12 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने से जुड़े ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश किए और अपना तर्क रखा। अदालत का अपने फैसले में कहना है कि ये साफ होना चाहिए कि दोषी कैसे माफी के लायक हैं।

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