Rahul in Telangana: कर्नाटक के बाद अब मिशन तेलंगाना पर राहुल गांधी, खम्मम में आज करेंगे बड़ी रैली
Rahul in Telangana: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की खम्मम में आज एक बड़ी रैली होने जा रही है, जिसमें राज्यभर से लाखों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे।
Rahul in Telangana: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद से कांग्रेस पार्टी के हौंसले बुलंद है। पार्टी इस चुनावी सफलता को पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी दोहराना चाहती है, इसके लिए राहुल गांधी खुद मैदान में उतर गए हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की खम्मम में आज एक बड़ी रैली होने जा रही है, जिसमें राज्यभर से लाखों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे। तेलंगाना देश के उन राज्यों में शुमार है, जहां इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।
ऐसे में राहुल गांधी के इस रैली को तेलंगाना में कांग्रेस के चुनावी अभियान के शंखनाद के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी इस रैली को भव्य और सफल बनाने के लिए काफी समय से तैयारी कर रही है। पूर्व टीआरएस नेता और खम्मस से सांसद रहे पोनुलेटी श्रीनिवास रेड्डी को राहुल गांधी सार्वजनिक मंच पर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराएंगे।
केसीआर सरकार रहेगी निशाने पर
देशभर में जहां कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता के बहाने रीजनल पार्टियों को साधने की कोशिश में जुटी हुई है। वहीं, तेलंगाना को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने साफ कर दिया है कि सत्ताधारी बीआरएस के साथ विधानसभा और लोकसभा चुनावों में किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। बीआरएस हाल ही में पटना में संपन्न हुई विपक्षी नेताओं की बैठक से भी नदारद रही थी। राहुल गांधी की रविवार को हो रही रैली में मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव (केसीआर) और उनकी सरकार खासतौर पर निशाने पर रहेंगे।
राज्य कांग्रेस नेतृत्व लगातार केसीआर सरकार पर हमलावर रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरणा लेकर कांग्रेस नेता भट्टी विक्रमार्क ने केसीआर सरकार की असलियत लोगों तक पहुंचाने के लिए पैदल यात्रा निकाला थी, जो आज यानी रविवार को खम्मम में ही समाप्त हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी की रैली से पार्टी को राज्य में गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में केसीआर सरकार के खिलाफ भ्रष्टचार का मुद्दा सबसे अहम मुद्दों में होगा।
रैली में खलल पैदा करने की कोशिश कर रही सरकार
कांग्रेस ने केसीआर सरकार पर राहुल गांधी की रैली को प्लॉप करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य के सभी जिलों से लोगों को खम्मम तक लाने के लिए तेलंगाना राज्य परिवहन निगम की 1500 बसों की बुकिंग की गई थी। इसके लिए पार्टी की ओर से 2 करोड़ रूपये चुकाए भी गए, फिर भी बस उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा।
कर्नाटक मॉडल पर कांग्रेस लड़ेगी चुनाव
कांग्रेस पार्टी उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण में मजबूत रही है। दक्षिण के चार राज्यों केरल,कर्नाटक, तमिलनाडु और अविभाजित आंध्र प्रदेश में से केवल तमिलनाडु ही ऐसा राज्य था, जहां कांग्रेस एक तरह से द्रविड़ पार्टियों की पिछलग्गू रही है। लेकिन साल 2014 में आंध्र प्रदेश के बंटवारे ने पार्टी को दक्षिण के इस अहम बड़े सूबे में भी कमजोर कर दिया। आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना में भी पार्टी पिछले 10 सालों से संघर्ष कर रही है।
आंध्र प्रदेश के मुकाबले तेलंगाना में कांग्रेस ज्यादा मजबूत है और यहां पार्टी मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में भी है। कर्नाटक में बीजेपी को हराने के बाद पार्टी को लगता है कि वो यहां भी बीआरएस को सत्ता से बेदखल कर सकती है। इसके लिए कांग्रेस कर्नाटक वाला ही फॉर्मूला अपनाने जा रही है। हाल ही में दिल्ली में हुई राज्य को लेकर मीटिंग में फैसला लिया गया कि हिमाचल-कर्नाटक की तरह पार्टी यहां भी जनता को गारंटी देगी।
कई बीआरएस नेता थाम चुके हैं कांग्रेस का दामन
सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने तेलंगाना में कांग्रेस को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं और विधायकों को अपने पाले में लाकर एक तरह से उसे जमीन पर ला दिया था। लेकिन अब परिस्थितियां बदलती नजर आ रही हैं। केसीआर के साथ गए नेता वापस लौटने लगे हैं। कुछ पुराने नेता भी वापस आ रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में बीआरएस के बड़े नेता कांग्रेस में शामिल हुए। जिनमें , पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव, पूर्व विधायक पन्याम वेंकटेश्वरलु, कोरम कनकैया, कोटा राम बाबू और बीआरएस एमएलसी नरसा रेड्डी के बेटे राकेश रेड्डी जैसे अहम नाम शामिल हैं।