राहुल का सवाल: लालकिला पर कैसे पहुंचे उपद्रवी, कौन है इसका जिम्मेदार
राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून से देश का कृषि क्षेत्र बर्बाद होने जा रहा है। एक कानून से देश में मंडियों का अस्तित्व खत्म होगा, मौजूदा मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। दूसरे कानून से देश के चंद बड़े उद्योगपतियों को अनाज के असीमित भंडारण की छूट मिल जाएगी।
अखिलेश तिवारी
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर करारा हमला बोला है। लालकिला पर हुए उपद्रव को लेकर उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 50 लोगों की टुकड़ी को लालकिला तक किसने जाने दिया, उन्हें क्यों नहीं रोका गया और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि नए तीनों कृषि कानून से देश के किसानों को बर्बाद किया जा रहा है। किसान अपनी समस्या का समाधान चाहते हैं तो उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है।
दक्षिण भारत में चुनाव अभियान की शुरुआत
दक्षिण भारत में चुनाव अभियान की शुरुआत कर दिल्ली लौटे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत की। किसान आंदोलन और लालकिला की घटना को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लालकिला पर गणतंत्र दिवस वाले दिन चंद लोग कैसे पहुंच गए। किसने इन लोगों को वहां तक जाने दिया। एक गुट के मुश्किल से पचास लोग कैसे लालकिले पर पहुंचे और झंडा फहरा दिया। उन्हें क्यों नहीं रोका गया। यह सब गृहमंत्री को बताना चाहिए। उन्होंने सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी से कहा कि वह जाकर गृहमंत्री से इसका जवाब मांगे।
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केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून से देश का कृषि क्षेत्र बर्बाद होने जा रहा है-राहुल
राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून से देश का कृषि क्षेत्र बर्बाद होने जा रहा है। एक कानून से देश में मंडियों का अस्तित्व खत्म होगा, मौजूदा मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। दूसरे कानून से देश के चंद बड़े उद्योगपतियों को अनाज के असीमित भंडारण की छूट मिल जाएगी। तीसरे कानून से किसान अपने विवाद को एसडीएम कोर्ट को छोडक़र कहीं और नहीं ले जा सकेंगे।
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उन्होंने कहा कि नए कानूनों से देश का किसान परेशान है। वह अपनी समस्या लेकर दिल्ली आया है लेकिन सरकार उनकी परेशानी को समझने के बजाय उन्हें परेशान कर रही है। उन्हें आतंकी और खालिस्तानी बताया जा रहा है। सरकार ने अब तक उनसे बातचीत के नाम पर केवल टालमटोल का काम किया है। सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि चंद पूंजीपतियों के लिए किसानों की किस्मत का सौदा नहीं होने दिया जाएगा।
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