रेलटेल की इस प्रणाली पर भरोसा कर रेलवे बढ़ रहा है पेपरलेस वर्क कल्चर की ओर
एनआईसी के ई.ऑफिस का पहला चरण मार्च 2020 तक पूरा किए जाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था लेकिन इसे समय से पहले द्रुत गति से पूरा करते हुए भारतीय रेल की 58 यूनिटों में 5 हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं को सफलातपूर्वक पंजीकृत कर लिया गया। इस प्लेटफार्म को सही तरीके से संचालित करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम भी महज छह महीने में पूरा कर लिया गया।
नई दिल्ली। क्या आपको पता है क्या रेलटेल जिस पर रेलवे को है सबसे अधिक भरोसा। रेलटेल रेल मंत्रालय का मिनि रत्न उपक्रम है। इसके जरिये भारतीय रेल ने पांच हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी 58 यूनिटों में एनआईसी के ई.ऑफिस का पहला चरण सफलतापूर्वक लागू कर लिया है।
इसके बाद भारतीय रेल ने दूसरे चरण के लिए रेलटेल के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस चरण में रेलटेल 30 जून तक एनआईसी के ई.ऑफिस प्लेटफार्म पर 39000 से ज्यादा उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण करेगा।
इसे भी पढ़ें
भारतीय रेलवे ने अपने सुरक्षा बल का बदला नाम, अब होगा ये
एनआईसी के ई.ऑफिस का पहला चरण मार्च 2020 तक पूरा किए जाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था लेकिन इसे समय से पहले द्रुत गति से पूरा करते हुए भारतीय रेल की 58 यूनिटों में 5 हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं को सफलातपूर्वक पंजीकृत कर लिया गया। इस प्लेटफार्म को सही तरीके से संचालित करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम भी महज छह महीने में पूरा कर लिया गया।
सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
सहमति पत्र पर रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक उमेश कुमार बलोंडा और रेलटेल की आईटी विभाग की महाप्रबंधक हरितिमा जयपुरिया की ओर से हस्ताक्षर किये गए। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, रेलवे बोर्ड के एसएंडटी के सदस्य प्रदीप कुमार और रेलटेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पुनीत चावला के अलावा रेलवे और रेलटेल के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इसे भी पढ़ें
Lucknow : अंग्रेजों के दौर से बाहर निकलती भारतीय रेलवे
ई.ऑफिस सिस्टम से कार्यालयों में कागज के बगैर काम करने की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। रेल परिचालन खर्चे भी घटेंगे और साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी जो आज के समय दुनिया की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है और सीधे तौर पर देश के प्रत्येक नागरिक को प्रभावित कर रही है।