धरने की तैयारी पूरी: मंगवाए गए टेंट, राजभवन में प्रदर्शन करेगा गहलोत खेमा

धरने के लिए सीएम हाउस में टेंट की व्यवस्था भी कर दिया गया है। फिलहाल सारे विधायक राजभवन के मैदान में बैठे हैं। सीएम अशोक गहलोत ने स्पष्ट तौर से कहा है कि जब तक राज्यपाल महोदय पत्र नहीं सौंपते हैं तब तक धरना जारी रहेगा।

Update: 2020-07-24 14:16 GMT

जयपुर: राजस्थान में राजनीतिक ड्रामा अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान हाईकोर्ट फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा विधानसभा सत्र बुलाने की मांग पर अड़ गया है। इस मांग को लेकर राजभवन में धरना शुरू कर दिया गया है। धरने के लिए सीएम हाउस में टेंट की व्यवस्था भी कर दिया गया है। फिलहाल सारे विधायक राजभवन के मैदान में बैठे हैं। सीएम अशोक गहलोत ने स्पष्ट तौर से कहा है कि जब तक राज्यपाल महोदय पत्र नहीं सौंपते हैं तब तक धरना जारी रहेगा।

विधायकों ने राजभवन में लगाये 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे

राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद जो कि सचिन पायलट के लिए एक बड़ी राहत भरा फैसला साबित हुआ। अशोक गहलोत सरकार के समर्थक विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन में ,इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाये। गहलोत खेमे के ये विधायक मुख्यमंत्री गहलोत की अगुवाई में ही राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने और विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह करने राजभवन पहुंचे थे। इन विधायकों के साथ कांग्रेस सरकार के समर्थक निर्दलीय और अन्य विधायक भी राजभवन पहुंचे।

अशोक गहलोत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं

मुख्यमंत्री गहलोत पहले जब राज्यपाल से मुलाकात कर रहे थे तो बाकी विधायक मंत्री बाहर लॉन में इंतजार कर रहे थे। इस दौरान इन विधायकों ने नारेबाजी की। विधायकों ने 'हर जोर जुल्म की टक्कर में इंसाफ हमारा नारा है', 'इंकलाब जिंदाबाद', 'अशोक गहलोत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं', 'अशोक गहलोत जिंदाबाद' के नारे लगाए। इससे पहले गहलोत ने मीडिया से कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद 'ऊपर से दबाव' के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं।

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हमें गांधी जी के रास्ते पर चलना है- सीएम

राजस्थान के सीएम गहलोत ने कहा कि यहां उल्टी गंगा बह रही है। हम कह रहे हैं कि बहुमत साबित करने के लिए हम विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं। हमारे कदम को विपक्ष को भी वेलकम करना चाहिए था, यही लोकतंत्र की परंपरा रही है। राज्यपाल महोदय हमारे संवैधानिक मुखिया हैं। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे विधानसभा सत्र बुलाएं।

राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग

राजभवन के मैदान में बैठे कांग्रेस विधायक जिद पर हैं। वे राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को मनवाने के लिए डटे रहने का फैसला लिया है। राजभवन में टेंट मंगवा लिए गए हैं। वहीं राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि विधिक से कानूनी राय लेने के बाद ही विधानसभा का सत्र बुलाने की इजाजत दे पाएंगे। उन्होंने सीएम गहलोत से पूछा है कि आखिर वे सत्र क्यों बुलाना चाहते हैं, इस संदर्भ में उचित जवाब बताएं।

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लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है-कांग्रेस

कांग्रेस ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले और विधानसभा सत्र की मांग को लेकर अपने विधायकों के राज भवन में धरना देने के संबंध में शुक्रवार को आरोप लगाया कि मौजूदा समय में लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है और राज्यपाल प्रजातंत्र के रक्षक होने की भूमिका का निर्वहन नहीं कर रहे हैं।

हाई कोर्टों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का अनुसरण नहीं किया जा रहा-कपिल सिब्बल

पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में दावा किया कि इन दिनों हाई कोर्टों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का अनुसरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘लोकतंत्र की नयी परिभाषा गढ़ी जा रही है। अब राज्यपाल लोकतंत्र के रक्षक नहीं रहे, बल्कि वे केंद्र की सत्ता के रक्षक हैं।’

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हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सिब्बल ने कहा, ‘कहना नहीं चाहिए लेकिन कहना पड़ता है कि सुप्रीम कोर्ट जो फैसले करता है उसे हाई कोर्ट किनारे कर देते हैं। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ के फैसले का अनुसरण नहीं किया जा रहा है।’ फैसले पर निराश जताते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत निराश हूं। कोई रोशनी नहीं दिखती।’

क्या होगा गहलोत का प्लान-बी

कांग्रेस नेता ने कहा कि सचिन पायलट को बताना चाहिए कि वह क्या चाहते हैं और उन्हें यह समझना चाहिए कि 20-25 विधायकों के साथ वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने कहा, ‘सचिन पायलट को इतनी छोटी उम्र में जो मिला, शायद ही किसी को इतना मिला हो। अब आप (पायलट) क्या चाहते हैं? अगर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो बताइए। अगर आप अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं तो बताइए। यह बताइए कि क्या कोई ‘डील’ हुई है? बिन बोले होटल में बैठकर काम नहीं चलेगा।’

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