गहलोत ने सचिन को बना दिया विलेन, बागी नेता के सामने अब संघर्ष ही विकल्प

राजस्थान में सियासी संकट शुरू होने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीसरी बार पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर बड़ा हमला बोला। इससे पहले...

Update:2020-07-20 21:58 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी संकट शुरू होने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीसरी बार पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर बड़ा हमला बोला। इससे पहले के दो हमले सचिन पायलट को कमजोर करने की नीयत से किए गए थे मगर सोमवार का हमला तो उन्हें पार्टी में विलेन बनाने सरीखा ही था। सोमवार को गहलोत ने सचिन पायलट पर इतना बड़ा हमला किया जिससे साफ हो गया कि उनके मन में सचिन के प्रति कितना गुस्सा भरा हुआ है। उनके हमले से यह भी साफ है कि सचिन की राजस्थान कांग्रेस की सियासत में वापसी की बची खुची उम्मीद भी खत्म हो गई है क्योंकि एक म्यान में दो तलवार रहना नामुमकिन है।

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मैं सब्जी बेचने के लिए नहीं आया

गहलोत ने पिछले 6 दिनों के दौरान सोमवार को तीसरी बार पायलट पर हमला बोलते हुए उन्हें निकम्मा और नकारा तक बता डाला। उन्होंने कहा कि हम जानते थे कि वे लोगों को भड़काने के सिवा कुछ नहीं कर रहे थे। लेकिन मैं भी यहां बैंगन बेचने और सब्जी बेचने नहीं आया हूं। मुझे भी पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया है और मुझे भी फैसले लेने का हक है।

पायलट छह महीने से रच रहे थे साजिश

गहलोत ने कहा कि पिछले 6 महीने से सचिन भाजपा के साथ मिलकर मेरी सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन पर पूरा भरोसा किया, लेकिन वह किसी के भरोसे पर खरे नहीं उतरे। उन्हें कम उम्र में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका मिला, लेकिन वे विधायकों की खरीद-फरोख्त का गंदा खेल खेलने लगे।

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कॉरपोरेट हाउस कर रहे पायलट की फंडिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 7 साल के दौरान राजस्थान में किसी ने पायलट के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की मांग कभी नहीं उठी। हम जानते थे कि वह निकम्मा और नाकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है मगर फिर भी हमारी ओर से ऐसी मांग कभी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी 50 50 लाख रुपए की फीस लेते हैं। पायलट कहां से इतने रुपए दे रहे हैं। मैं पहले भी कहता रहा हूं कि साजिश की जा रही है मगर किसी को यकीन नहीं होता था। उन्होंने कहा कि मुंबई के कई बड़े कॉरपोरेट हाउस उन्हें फंडिंग कर रहे हैं।

विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया

गहलोत ने कहा कि पायलट जयपुर से छिपकर दिल्ली जाया करते थे। कई बार तो वे खुद गाड़ी चला कर जाते थे। हरियाणा में कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है। यहां तक कि सभी के मोबाइल फोन तक रखवा लिए गए हैं। कोई वेटर से मोबाइल लेकर फोन कर रहा है तो कोई नाई से लेकर। इधर होटल में रखे गए हमारे सभी लोग पूरी तरह फ्री हैं।

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कोरोना संकटकाल में भी रची साजिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे खिलाफ जिस तरीके का खेल खेला गया है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। नौजवान साथियों से उम्मीद थी कि वे आगे चलकर पार्टी के लिए एसेट साबित होंगे मगर उन्होंने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कोरोना संकट काल में ऐसी साजिशों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

पहले भी किए थे दो बड़े हमले

गहलोत इससे पहले भी दो बार पायलट पर बड़े हमले कर चुके हैं। गत 15 जुलाई को पायलट पर हमला करते हुए गहलोत ने कहा था कि नई पीढ़ी की कायदे से रगड़ाई नहीं हो पाई है। अच्छी अंग्रेजी बोलने और हैंडसम पर्सनालिटी से कुछ नहीं होता। अगर ढंग से रगड़ाई हुई होती तो ये अच्छे से काम करते। गत 17 जुलाई को भी गहलोत ने पायलट पर बड़ा हमला करते हुए कहा था कि वे 6 महीने से भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे थे। इस उम्र में उनकी इतनी महत्वाकांक्षा ठीक नहीं है। मैंने उनको बहुत सहा है, लेकिन अब बर्दाश्त की सीमा समाप्त हो गई है।

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पायलट के सामने अब संघर्ष का ही रास्ता

गहलोत के सोमवार को किए गए इस हमले से साफ है कि अब पायलट के सामने राजस्थान की सियासत में संघर्ष के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अगर वे तीसरा मोर्चा बनाते हैं तब उन्हें कांग्रेस और भाजपा से दो-दो हाथ करना होगा और यदि वे भाजपा में जाते हैं तो भाजपा में पहले से जमे दिग्गज नेता उनके लिए आसानी से रास्ता नहीं खाली करने वाले। जहां तक कांग्रेस में वापसी का सवाल है तो गहलोत के गंभीर आरोपों के बाद अब उनकी पार्टी में वापसी काफी मुश्किल लग रही है। गहलोत ने अपने गंभीर आरोपों से उनकी कांग्रेस में वापसी के दरवाजे लगभग बंद कर दिए हैं।

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