कौन हैं वो शख्स जो शपथ के लिए पीएम से लेकर मंत्रियों तक को नाम लेकर बुला रहे थे

Rajesh Verma: जब आपने मोदी तीन के शपथग्रणह समारोह को टीवी पर देखा तो एक शक्स पीएम मोदी और उनके मंत्रियों का नाम लेकर शपथ के लिए पुकार रहे थे। जाने आखिर ये हैं कौन?

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-06-10 11:36 IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सचिव राजेश वर्मा  (photo: social media ) 

Rajesh Verma: जब आप मोदी तीन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह टीवी पर देख रहे होंगे तो आपने देखा होगा कि एक शख्स पीएम मोदी से लेकर शपथ ग्रहण करने वाले सारे मंत्रियों को उनके नाम लेकर बुला रहे थे। आपने देखा होगा कि काले रंग का सूट पहने इस शख्स ने सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी को नाम लेकर शपथ के लिए बुलाया और फिर अन्य मंत्रियों को उनके नाम लेकर बुलाते देखे गए। क्या आप जानते हैं कि वो कौन शख्स हैं, जो मोदी और उनके मंत्रियों को ना केवल शपथ दिलवाने में मदद कर रहे हैं बल्कि शपथ ग्रहण के बाद उनसे रजिस्टर में साइन भी करा रहे थे।

तो चलिए हम बताते हैं ये शख्स कौन हैं? इस शख्स का नाम है राजेश वर्मा। वह राष्ट्रपति सचिवालय में सचिव हैं। जब द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनीं, तभी से ही वह उनके सेक्रेटिएट में सचिव पद पर कार्यरत हैं। वह उसी राज्य के कैडर से आते हैं, जिस राज्य से खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आती हैं।

आपने देखा होगा जब शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ तो उन्होंने राष्ट्रपति से इस समारोह को शुरू की इजाजत मांगी और राष्ट्रपति से परमिशन मिलने के बाद शपथ के कार्यक्रम को शुरू किया। वह लगातार पूरे कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू से थोड़ा हटकर पीछे खड़े रहे। शपथ के लिए हर बार माइक पर हर एक मंत्री को नाम से पुकार कर बुलाते रहे।

बता दें कि राष्ट्रपति भवन में केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी और संचालन की जिम्मेदारी प्रेसीडेंट सेक्रेटिएट के सचिव की होती है।

दरअसल जब भी राष्ट्रपति भवन में नई केंद्रीय सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होता है तो इस समारोह को राष्ट्रपति भवन के सचिवालय का सचिव ही संचालित करता है। प्रधानमंत्री कार्यालय से मंत्रियों की सूची राष्ट्रपति को एड्रेस करके उसी के पास भेजी जाती है और वही शपथ ग्रहण समारोह का संचालन करता है।

ओडिशा कैडर के सीनियर आईएएस अफसर हैं वर्मा

राजेश वर्मा ओडिशा कैडर से आते हैं। वे सीनियर आईएएस अफसर हैं। द्रौपदी मुर्मू ने जैसे ही देश का सर्वोच्च पद संभाला, तब उन्हें अपना सचिव नियुक्त किया। इससे पहले वह ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक के प्रधान सचिव और ओडिशा सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं।


कोरोना दौर में काम की हुई थी सराहना

राजेश वर्मा कोरोना के दौर में अपने बेहतर कामों के लिए चर्चा में आए थे। उस समय वे कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सचिव थे। उन्हें तब साथ ही वित्तीय सेवा सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था। तब उन्होंने तमाम पैकेज की तैयारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


पटनायक भी कर चुके हैं तारीफ

उन्होंने लॉकडाउन और मंदी के दौरान कंपनियों की खस्ता हालत को सुधारने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उन्होंने लोगों को विकास कार्यों में जोड़ने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जो काम सौंपा गया उसमें हमेशा ईमानदारी और सत्यनिष्ठा दिखाई और यही कारण है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक भी उनकी कई बार तारीफ कर चुके हैं।

उन्हें अप्रैल 2020 में एमसीए सचिव नियुक्त किया गया था। उसी वर्ष, उन्हें निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया। जब वह राष्ट्रपति के सचिव बने तब उन्होंने असम-मेघालय कैडर के 1980 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अफसर कपिल देव त्रिपाठी का स्थान लिया था।


राजस्थान से है खास नाता

1 सितम्बर 1964 को जन्मे राजेश वर्मा अब 60 वर्ष के होने वाले हैं। वह केंद्र और ओडिशा राज्य में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। राजेश वर्मा आमतौर पर लो प्रोफाइल रहने वाले अफसर हैं। वह 1987 में सिविल सेवा में चयनित हुए और आईएएस अफसर बने। बेशक उनका कैडर ओडिशा रहा हो लेकिन वह मूलतौर पर राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने इलैक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद सिविल सेवा की परीक्षा पास कर आईएएस बने हैं।



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