Rajiv Gandhi Foundation: राजीव गांधी फाउंडेशन की विदेशी फंडिंग पर रोक, पहले भी हुये हैं कई विवाद
Rajiv Gandhi Foundation: 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का प्रयास किया था।
Rajiv Gandhi Foundation: केंद्र सरकार ने कानून के कथित उल्लंघन के लिए गांधी परिवार से जुड़े एक एनजीओ राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के बाद हुई है।
सोनिया गांधी आरजीएफ की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।
1991 में स्थापित, आरजीएफ ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसने शिक्षा क्षेत्र में भी काम किया।
पहले भी हुए हैं विवाद
1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का प्रयास किया था। 24 जुलाई 1991 को मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्तुत 1991-92 के बजट भाषण में उन्होंने कहा था कि - "स्वर्गीय श्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में और फाउंडेशन के प्रशंसनीय उद्देश्यों के समर्थन में, सरकार ने फाउंडेशन को 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से पांच साल की अवधि के लिए 100 करोड़ रुपये का योगदान देने का फैसला किया है। बाद में भारी राजनीतिक हंगामे के बाद इस फैसले को पलट दिया गया।
- कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से फंड को फाउंडेशन की ओर मोड़ने का आरोप लगा था। 2005-6 और 2007-8 में, जब यूपीए सत्ता में थी तब फाउंडेशन को कई मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों से धन प्राप्त हुआ।
- सितंबर 2016 में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2011 में जाकिर नाइक से चंदा मिला था, जबकि सरकार ने नाइक के टीवी चैनल के संबंध में सुरक्षा चिंता व्यक्त की थी। बाद में, कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि 50 लाख रुपये वापस कर दिए गए।
- जून 2020 में भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन पर 2005-06 के दौरान चीनी सरकार से 300,000 डॉलर का दान स्वीकार करने का आरोप लगाया था।ये भी आरोप लगाया गया कि फाउंडेशन का एक चीनी संयुक्त मोर्चा संगठन से भी संबंध था, जिसे चाइना एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कॉन्टैक्ट कहा जाता है।