Rajya Sabha By-Election: उच्च सदन में NDA को पहली बार हासिल होगा बहुमत, निर्विरोध चुने जाएंगे सभी 12 प्रत्याशी
Rajya Sabha By-Election: 27 अगस्त को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है और उसी दिन चुनाव आयोग की ओर से इन सभी उम्मीदवारों के चुने जाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा।
Rajya Sabha By election 2024: नौ राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों पर सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। नामांकन के आखिरी दिन बुधवार को किसी भी राज्य में अतिरिक्त उम्मीदवार के नामांकन न करने के कारण ये सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुने जाएंगे।
27 अगस्त को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है और उसी दिन चुनाव आयोग की ओर से इन सभी उम्मीदवारों के चुने जाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा। राज्यसभा की 12 में से 11 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों की जीत तय है और इसी के साथ उच्च सदन में पहली बार एनडीए को बहुमत भी हासिल हो जाएगा।
कांग्रेस ने हरियाणा में नहीं उतारा प्रत्याशी
हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हो रहा है और पहले ऐसी उम्मीद थी कि कांग्रेस की ओर से इस उपचुनाव में प्रत्याशी उतारा जा सकता है। भाजपा ने हरियाणा में किरण चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है और नंबर गेम भाजपा के पक्ष में था। बुधवार को नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस की ओर से हरियाणा में कोई प्रत्याशी नहीं उतारा गया। इसी के साथ किरण चौधरी का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है।
नामांकन के आखिरी दिन बुधवार को बिहार असम और महाराष्ट्र से एनडीए के दो-दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना,ओडिशा, त्रिपुरा और राजस्थान से एक-एक प्रत्याशी ने पर्चा भरा। अब आज सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और इसके बाद नाम वापसी के आखिरी दिन 27 अगस्त को इन प्रत्याशियों के चुने जाने का ऐलान कर दिया जाएगा।
एनडीए को उच्च सदन में हासिल होगा बहुमत
मौजूदा समय में राज्यसभा की 20 सीटें खाली हैं। 12 सीटों पर उपचुनाव के बाद उच्च सदन के सदस्यों की कुल क्षमता 237 हो जाएगी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव नहीं होने के कारण जम्मू-कश्मीर की चार सीटें रिक्त हैं, जबकि इतनी ही सीटों पर सदस्यों का मनोनयन नहीं हुआ है।
27 अगस्त को नतीजे घोषित किए जाने के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 87 से बढ़ कर 97 (मनोनीत और निर्दलीय के साथ 104) जबकि एनडीए की संख्या 119 हो जाएगी।
इसी के साथ उच्च सदन में पहली बार भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को बहुमत भी हासिल हो जाएगा। एनडीए के लिए यह स्थिति काफी सुविधाजनक मानी जा रही है क्योंकि इससे तमाम विधेयकों को पारित कराने में सरकार को काफी मदद मिलेगी।
इन प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय
बुधवार को नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रसिद्ध वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तेलंगाना से नामांकन दाखिल किया। सिंघवी को पिछले राज्यसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा था। सिंघवी के अलावा किरण चौधरी ने हरियाणा, रवनीत सिंह बिट्टू ने राजस्थान, जॉर्ज कुरियन ने मध्य प्रदेश, मनन कुमार मिश्र और उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार, नितिन पटेल और धैर्यशील पाटिल ने महाराष्ट्र,रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास ने असम और ममता मोहंता ने ओडिशा में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इन सभी राज्यों में किसी अतिरिक्त उम्मीदवार ने नामांकन नहीं दाखिल किया है। यही कारण है कि इन सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है।
कांग्रेस को उठाना पड़ेगा नुकसान
इस बार के राज्यसभा उपचुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल राजस्थान से चुने गए थे मगर इस सीट पर अब भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू काबिज हो जाएंगे। इसी तरह हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा ने लोकसभा सदस्य बनने के बाद अपनी राज्यसभा सीट छोड़ दी थी। इस सीट पर भाजपा की किरण चौधरी का चुनाव जीतना तय है।
बिहार में ही राजद की मीसा भारती ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था और इस सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी की जीत होगी। ऐसे में राज्यसभा उपचुनाव में जहां कांग्रेस को घाटा उठाना पड़ेगा, वहीं भाजपा फायदे में रहेगी।