राज्यसभा के लिए मनोनीत कोडुरी विजयेंद्र प्रसाद हैं बाहुबली, RRR, बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों के राइटर
Vijayendra Prasad: कोडुरी विश्व विजयेंद्र प्रसाद एक भारतीय पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं, मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में अपने कामों के लिए जाने जाते हैं।
Vijayendra Prasad: कोडुरी विश्व विजयेंद्र प्रसाद (Who is Koduri Vishwa Vijayendra Prasad) एक भारतीय पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं, जो कन्नड़, तमिल और हिंदी सिनेमा के अलावा मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में अपने कामों के लिए जाने जाते हैं। वह जुलाई 2022 से राज्यसभा में संसद के एक मनोनीत सदस्य हैं। उनकी फिल्मोग्राफी में पटकथा लेखक (screenplay Author) के रूप में पच्चीस से अधिक फिल्में शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश व्यावसायिक रूप से सफल रहीं। एक पटकथा लेखक के रूप में उनके उल्लेखनीय काम में बाहुबली फ्रैंचाइज़ी, आरआरआर, बजरंगी भाईजान, मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झाँसी, मगधीरा और मर्सल जैसी फ़िल्में शामिल हैं।
2011 में, उन्होंने तेलुगु फिल्म राजन्ना का निर्देशन किया, जिसने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार जीता। उन्होंने फिल्म बजरंगी भाईजान के लिए 2016 में सर्वश्रेष्ठ कहानी का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।
वी विजयेंद्र प्रसाद का परिवार
वी विजयेंद्र प्रसाद के दो बच्चे हैं- एक बेटी और एक बेटा। उनके बेटे एसएस राजामौली एक फिल्म निर्माता हैं। प्रसाद संगीतकार एमएम केरावनी, एम एम श्रीलेखा और कल्याणी मलिक के चाचा हैं। केवी. विजयेंद्र प्रसाद का जन्म आंध्र प्रदेश के कोव्वूर जिले में हुआ था। वो अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन वो कई इंटरव्यू में बता चुके हैं कि, एक ऐसे किसान हैं जो कभी खेतों की ओर नहीं गए हैं। उन्होंने बतौर स्क्रिप्ट राइटर अपनी पहली फिल्म साल 1994 में बंगारू कुटुंबम को लिखा। विजयेंद्र प्रसाद की कुल संपत्ति 5 मिलियन डालर है।
आजीविका के लिए संघर्ष भी किया विजयेंद्र प्रसाद ने
लेकिन एक समय ऐसा भी था जब 1989 में चेन्नई में अपनी आजीविका के लिए संघर्ष के दौरान वह चार परिवार एक डबल बेड रूम अपार्टमेंट में डेढ़ साल तक रहे। एमएम कीरवानी को संगीत सहायक की नौकरी मिलने पर ही वह प्रतिदिन 200 रुपये घर लाते थे जिससे हम घर चलाते थे।
स्वतंत्र लेखक के रूप में उन्हें जब पहला ब्रेक मिला
विजयेंद्र प्रसाद का मानना है कि वह बहुत सी चीजों में सफल असफल रहे हैं। वह अपने बड़े भाई कोदुरी शिव शक्ति दत्ता (संगीत निर्देशक एमएम केरावनी के पिता) से बहुत प्रभावित हैं। और उनकी वजह से ही खुद को लेखन में सफल मानते हं। उनके अन्य भाई भी कहानियाँ लिखते हैं। अपने भाई को कहानियाँ लिखने में मदद करते हुए विजयेंद्र ने महसूस किया कि वह कहानियाँ बना सकते ह। 1994 में एक स्वतंत्र लेखक के रूप में उन्हें पहला ब्रेक मिला और तभी से उनकी यात्रा शुरू हुई। उनके शब्दों में कहानियां और कुछ नहीं बल्कि एक के बाद एक झूठों की एक श्रृंखला है और उनके पास झूठ बोलने की क्षमता है।