नई दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान बीते 70 दिनों से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। वहीं, कल भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा ऐलान करते कहा कि ये आंदोलन अक्टूबर महीने तक जारी रहेगा। इस बीच किसान नेता टिकैत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि आंदोलन अभी कमजोर नहीं हुआ है और हमारी लड़ाई लगातार जारी है।
हम किसी दबाव में झुकने वाले नहीं
उन्होंने कहा कि हमारा दिल्ली घेरने का कोई प्लान नहीं है, लेकिन हम किसी दबाव में नहीं झुकने वाले। किसान नेता ने आंदोलन के दौरान अपने भावुक होने पर कहा कि पुलिस प्रदर्शनस्थल को जबरदस्ती खाली करवाना चाहती थी, लेकिन इसमें पुलिस पीछे रही और उसके गुंडे आगे रहे। उन्होंने न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि अगर पुलिस हमें उठाती है तो हमें परेशानी नहीं है, लेकिन गुंडे क्यों आगे आ रहे हैं।
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बातचीत से ही खत्म होगा आंदोलन
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि सरकार अगर दबाव में आंदोलन खत्म कराना चाहता है तो ऐसा नहीं होगा। बातचीत से ही ये आंदोलन खत्म होगा। हम अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। हमारा अब दिल्ली को घेरने का कोई प्लान नहीं है। वहीं 6 फरवरी को होने वाले चक्के जाम पर उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के पास चक्का जाम नहीं होगा। किसान अपनी-अपनी जगहों पर सड़क बंद करेंगे और प्रशासन को ज्ञापन सौपेंगे।
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हमारा किसान किसी पर हमला नहीं कर सकता
वहीं, गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा को लेकर टिकैत ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, हमारा किसान किसी पर हमला नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो भी गया, उन्हें रास्ता क्यों दिया गया। किसान नेता का कहना है कि लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने की साजिश रचकर किसान और सिखों को बदनाम करने की कोशिश की गई है।
गाजीपुर बॉर्डर से दिया ये कानून
वहीं उन्होंने कल गाजीपुर बॉर्डर से कहा था कि हमारा नारा है, कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं। ये आंदोलन अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा और हाल में इसके खत्म होने के आसार नहीं हैं। हमने सरकार को भी सूचित कर दिया है। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देखी जाएगी। साथ ही बातचीत भी चलती रहेगी।
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