इस शिलालेख में है राम मंदिर का प्रमाण

राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अलग स्थान पर देने को कहा है।

Update: 2019-11-09 06:55 GMT

नई दिल्ली: राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अलग स्थान पर देने को कहा है। आज हम आपको इससे जुड़े एक तथ्य के बारे में बताते हैं।

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एएसआई की रिपोर्ट ही नहीं अयोध्या में राम मंदिर होने के प्रमाण पुलिस प्रशासन के मालखाने में रखा एक शिलालेख भी देता है। ये शिलालेख 6 दिसंबर 1992 को ढांचा गिरने के ठीक बाद जिला प्रशासन के हाथ लगा था। आमतौर जब मुस्लिम शासक किसी मंदिर को मस्जिद में तब्दील करते थे तो उस मंदिर के शिलापट को मस्जिद की पिछली दीवार में चुन देते थे।

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ढांचा गिरने के बाद जिला प्रशासन को इसी पिछली दीवार से ये शिलालेख मिला। शिलालेख प्राकृत भाषा में लिखा हुआ है। जिला प्रशासन ने प्राकृत के एक विद्वान को बुला कर जब उसे पढ़वाया तो उसके होश फाख्ता हो गए। इस शिलालेख में साफ तौर पर दर्ज है कि वहां विष्णु हरि मंदिर था। जहां हिंदू लोग भगवान विष्णु की पूजा अर्चना किया करते थे।

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भगवान राम को विष्णु का अवतार माना जाता है। अभी इस दस्तावेज का जिक्र पूरे फैसले में कहीं नहीं हुआ है। यही नहीं पुलिस मालखाने में जब्त होने की वजह से इस शिलालेख में प्राकृत में लिखे विष्णु हरि मंदिर के प्रमाण पर किसी पक्ष में दावा नहीं किया है।

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