यहां चूहों को पकड़ने पर खर्च कर दिए करोड़ों रुपये, पढ़ें पूरा मामला

भारतीय रेलवे के चेन्नई डिविजन की तरफ से हर चूहे को पकड़ने के लिए औसतन 22,300 रुपए खर्च किए जा रहे हैं।  मीडिया रिपोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई के तहत यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

Update:2023-07-26 13:45 IST

नई दिल्ली: चूहों के आतंक से बड़े-बड़े दफ्तर भी परेशान हैं, लेकिन चूहों को भगाने पर हुए सरकारी खर्च के बारे में पता चलेगा तो शायद आप भी परेशान हो जाएंगे।

दरअसल भारतीय रेलवे के चेन्नई डिविजन की तरफ से हर चूहे को पकड़ने के लिए औसतन 22,300 रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई के तहत यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

आरटीआई में बाकायदा इस बात का भी जिक्र है कि कहां से, कितने चूहे पकड़े गए। हालांकि इस भारी-भरकम रकम पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।

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ढाई हजार चूहे पकड़े, 6 करोड़ खर्च

प्राप्त जानकारी के मुताबिक 3 सालों में यहां चूहे पकड़ने पर 5 करोड़ 89 लाख रुपए खर्च कर दिए। इतने रुपए खर्च कर 2636 चूहे पकड़े गए, हालांकि इसके बावजूद ऑपरेशन जारी है अभी चूहों के आतंक से निजात नहीं मिली।

मोटे-मोटे चूहों ने अब तक पार्सल डिपार्टमेंट समेत अलग-अलग विभागों में लाखों का नुकसान कर दिया है। इससे पहले भी कई सरकारी विभागों में चौंकाने वाले खर्च की रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं।

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किस बिल से कितने चूहे पकड़े

चेन्नई डिवीजन से जब ये पूछा गया कि कितने चूहे पकड़े गए हैं तो उन्होंने सिर्फ 2018-19 की ही जानकारी देते हुए बताया कि 2636 चूहे पकड़े गए हैं।

जिसमे चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एग्मोर, चेंगलपट्टू, तामब्रम और जोलारपेट रेलवे स्टेशन पर 1715 चूहे पकड़े गए हैं और रेलवे के कोचिंग सेंटर में 921 चूहे पकड़े गए हैं। इस हिसाब से देखें तो चेन्नई डिवीजन ने एक चूहा पकड़ने के एवज में औसतन 22,344 रुपये खर्च किए।

चूहों से परेशान रेलवे से आरटीआई दाखिल कर हमने जानकारी मांगी थी। रेलवे से पूछा गया था कि चूहों से निपटने के लिए रेलवे क्या कदम उठा रहा है और उस पर कितना खर्च कर रहा है।

इसके बारे में देश भर से अलग-अलग रेलवे स्टेशन और विभाग के डिवीजन ऑफिस ने जानकारी देनी शुरू की. जब जानकारी सामने आई तो उसी में खुलासा हुआ कि रेलवे हर साल चूहों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है।

रेलवे अधिकारियों ने दिया गोलमोल जवाब

इस बारे में जब चेन्नई रेलवे डिवीजन के सीपीआरओ धन्नजय, सीनियर पीआरओ ओमप्रकाश, डीआरएम नरसिम्हन से बात की तो इस मामले पर कुछ न बताते हुए आगे के लिए फिर एक और फोन नम्बर नोट कराते हुए कहा कि इनसे बात कर लिजिए ये सब बता देंगे।

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