भारत के समर्थन में दुनिया: देश में आईं Apple की कई फैक्ट्रियां, चीन को तगड़ा झटका
लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। चीन की साजिश और चालबाजी की वजह से दुनिया बड़े देश उसके खिलाफ है। इसी का नतीजा है कि चीन को छोड़कर दिग्गज कंपनियां जा रही हैं।
नई दिल्ली: लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। चीन की साजिश और चालबाजी की वजह से दुनिया बड़े देश उसके खिलाफ है। इसी का नतीजा है कि चीन को छोड़कर दिग्गज कंपनियां जा रही हैं।
चीन के खिलाफ दुनिया के बड़े देश अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत के साथ खड़े हो गए हैं। अब इसका नतीजा है कि दक्षिण एशिया में भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने वाला है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि एप्पल (Apple) की आठ कंपनियां चीन को छोड़कर भारत में आ गई हैं। प्रसाद ने कहा कि भारत उत्पादन का हब बन रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बिहार के एनआरआई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।
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भारत को 4 बड़े देशों का समर्थन
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि भारत बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरता जा रहा है और ग्लोबल मैन्युफैक्चरर इकोसिस्टम यह महसूस कर रहा है कि इसे चीन के अलावा अन्य स्थानों पर भी होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मुझे जानकारी मिली है कि एप्पल अपनी लगभग 8 फैक्ट्रियों को चीन से भारत में स्थानांतरित कर दिया है।
रविशंकर प्रसाद ने एनआरआई से कहा कि जब लद्दाख में चीन के साथ कोई समस्या आती है तो हमारे प्रधानमंत्री हमेशा दृढ़ता से खड़े रहे और हमेशा कहा कि भारत कभी भी अपनी संप्रभुता से कभी कोई भी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के इस साहसिक रुख पर अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और अमेरिका ने भी समर्थन किया है।
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भारत के खिलाफ चीन की साजिश
बता दें कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन में तनाव चल रहा था। इसके बाद पूर्वी लद्दाख पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके में चीन ने बीते महीने फिर घुसपैठ की कोशिश की जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया है। इसके बाद एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
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पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से कई अहम ऊंचाई वाले इलाके हैं। भारत ने इन क्षत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। चीन की घुसपैठ की कोशिश को देखते भारत ने अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है। इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों में हथियारों की भी तैनाती की है। भारत ने चीन की किसी साजिश का जवाब देने के लिए टैंक और टैंक रोधी मिसाइलों की तैनाती की है।
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