RBI हुआ सख्त: ATM ट्रांजैक्शन हुआ फेल, तो बैंक देगा पेनल्टी
दोनों समस्यायों को फेल्ड ट्रांजैक्शन कहा जाता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन दोनों समस्यायों को ध्यान में रखते हुए टर्न अराउंड टाइम (TAT) एक निश्चित समयावधि तय की है। इस नियम के तहत अगर किसी ग्राहक का ट्रांजैक्शन फेल्ड हो जाता है तो बैंक एक निश्चित समयावधि में उसका सेटलमेंट करेंगे और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो बैंक ग्राहकों को मुआवजा देंगे।
नई दिल्ली: कई बार ऐसा होता है कि एटीएम से पैसा निकालने पर खाते से पैसा तो कट जाता है, लेकिन एटीएम से पैसा नहीं निकल पाता है। दूसरी बात, अगर आप किसी के खाते में पैसा भेजते हैं और आपके खाते से पैसा कट जाता है, लेकिन सामने वाले के खाते में पैसा नहीं पहुंचता है। तो अब इन दोनों समस्याओं के लिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इन दोनों समस्यायों को फेल्ड ट्रांजैक्शन कहा जाता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन दोनों समस्यायों को ध्यान में रखते हुए टर्न अराउंड टाइम (TAT) एक निश्चित समयावधि तय की है। इस नियम के तहत अगर किसी ग्राहक का ट्रांजैक्शन फेल्ड हो जाता है तो बैंक एक निश्चित समयावधि में उसका सेटलमेंट करेंगे और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो बैंक ग्राहकों को मुआवजा देंगे।
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हम आपको बता दें कि RBI ने बैंक के लेनदेन को आठ अलग-अलग वर्गों में बांटा है, इनमें शामिल है एटीएम से लेनदेन, कार्ड लेनदेन, तत्काल भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और प्रीपेड कार्ड शामिल हैं। नए नियम के तहत ट्रांजैक्शन के बाद से 5 दिन में खाते में पैसा वापस लौटाना होगा। अगर पैसा तय समयावधि में नहीं पहुंचता है तो ग्राहक को 100 रुपए रोजाना हर्जाना मिलेगा। जिन ग्राहकों को TAT के तहत शिकायत का समाधान नहीं होता है वे बैंकिंग लोकपाल को शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
ये हैं नये ATM ट्रांजैक्शन के नियम
अगर एटीएम (ATM) ट्रांजैक्शन में खाते से पैसा कट जाता है, लेकिन कैश नहीं निकला तो ट्रांजैक्शन के बाद से 5 दिन में अकाउंट में पैसा लौटाना होगा। अगर 5 दिन ( T+5) से ज्यादा वक्त लगता है तो ग्राहक हर्जाने का हकदार होगा और रोज 100 रुपये के हिसाब उसे हर्जाना मिलेगा।
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IMPS से करते हैं ट्रांजैक्शन
अकाउंट से पैसे कटे लेकिन रिसीवर के खाते में नहीं पहुंची तो ट्रांजैक्शन के एक दिन बाद तक पैसा वापस करना होगा। पैसा वापस नहीं आने के केस में दूसरे दिन से 100 रु हर्जाना देना होगा।
कार्ड से कार्ड में ट्रांसफर पर
मान लीजिये एक कार्ड से पैसा कट गया, लेकिन दूसरे कार्ड मे पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ तो ऐसे केस में ट्रांजैक्शन के बाद अधिकतम 1 दिन (T+1) में रिवर्सल ट्रांजैक्शन के बाद दूसरे दिन से 100 रुपए रोजाना हर्जाना लगेगा।
क्या है UPI से पैसा भेजने का नियम
फर्ज कीजिये आपके खाते से पैसा कट गया, लेकिन आपने जिसे भेजा उसके खाते में पैसा नहीं पहुंचा तो ऐसे में ट्रांजैक्शन के 1 दिन (T+1) के भीतर रकम को वापस करना होगा। बैंक ने नहीं किया तो दूसरे दिन से 100 रुपए रोज हर्जाना मिलेगा। वहीं अगर UPI से मर्चेंट पेमेंट पर खाते से पैसा कटा और मर्चेंट तक नहीं पहुंचा तो T+5 दिन में रिवर्सल देना होगा। अगर तय समय में ऑटो रिवर्सल नहीं मिला तो 100 रुपए रोजाना हर्जाना देना होगा।
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PoS से ट्रांजैक्शन पर क्या हैं नियम
अकाउंट से पैसे कट गए, लेकिन मर्चेंट को रकम का कंफर्मेशन नहीं आया तो ट्रांजैक्शन के 5 दिन (T+5) के भीतर कटे पैसे की वापसी करनी होगी। नहीं तो ट्रांजैक्शन के बाद छठवें (6th) दिन से 100 रुपए रोजाना का ग्राहक को हर्जाना आधार पे से ट्रांजैक्शन पे देना होगा। ट्रांजैक्शन के 5 दिन (T+5) बाद तक रकम वापसी का समय होगा। वापसी में देरी पर तो छठवें दिन से 100 रुपए रोजाना हर्जाना देना होगा।
उम्मीद है कि आरबीआई के इस सख्त नियम से मासूम ग्राहकों का पैसा नहीं डूबेगा और एटीएम से लेनदेन करना और आसन हो जायेगा।