लाॅकडाउन में कोरोना वायरस पर मिली राहत, 22 से घटकर 8 पर्सेंट तक पहुंचा मामला
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किया गया है। लॉकडाउन की अवधि को अब एक महीना पूरा हो गया है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किया गया है। लॉकडाउन की अवधि को अब एक महीना पूरा हो गया है। देश में लॉकडाउन से पहले कोरोना संक्रमण के लगभग 500 मामले ही सामने आए थे। 24 मार्च तक देशभर में कोरोना के मामलों डेली वृद्धिदर 21.6 प्रतिशत था जो कि 24 अप्रैल तक घटकर 8.1 प्रतिशत तक आ चुका है। इस लिहाजा से देखा जय तो अगर देश में 24 मार्च के पहले वाली बृद्धिदर से मामले बढ़ते तो अबतक पूरे भारत में कोरोना के 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके होते।
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बाकी देशों की तुलना में निराशाजनक परिणाम
लेकिन अभी भी इस वृद्धिदर (8.1 प्रतिशत) के हिसाब देखा जाय तो कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित देशों की तुलना में यह रफ़्तार अभी भी ज्यादा है। देश में लॉकडाउन को एक महीने पूरे हो गए। इतने समय तक जर्मनी में कोरोना मामलों का वृद्धिदर 2 फीसदी जबकि अमेरिका में 4.8 फीसदी तक आ गया था। भारत में जिस हिसाब से कोरोना मामले में बृद्धि हो रही है, उस हिसाब से देखा जाय तो अगले हफ्ते के अंत तक यहां करीब 40 हजार मामले सामने आ जायेंगे। यानी भारत की स्थिति भी दूसरे देशों की ही तरह भयावह हो सकती है।
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कुछ राज्यों में कम हुए मामले
लेकिन कुछ राज्यों के आकड़ें देखा जाय तो, यहां कोरोना केसेज के वृद्धि दर में कमी लाने में काफी हद तक सफलता मिली है। जैसे गोवा में पहले 7 मामले थे लेकिन इस समय एक भी केस नहीं है। वहीं केरल को देखा जाय यहां की वृद्धि दर 1.8 प्रतिशत है जो जर्मनी से भी कम है। बता दें कि देश में अब तक कोरोना के मरीजों की संख्या 23,452 हो गई है। वहीं मरने वालों की संख्या 723 तक पहुंच चुकी है।
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