हो जाएं सावधान: धर्म के लिए कर रहे ये काम, तो अब मिलेगी कड़ी सजा

जबरदस्ती धर्म-परिवर्तन कराने को लेकर हिमाचल प्रदेश में नया कानून आया है। जीं हां यहां जबरन धर्मातरण पर रोक लगा दी गई है। जबरदस्ती, झांसा देकर या फिर लालच देकर धर्म-परिवर्तन करवाना अब जघन्य अपराध माना जाएगा।

Update:2019-11-06 22:50 IST
हो जाएं सावधान: धर्म के लिए कर रहे ये काम, तो अब मिलेगी कड़ी सजा

नई दिल्ली : जबरदस्ती धर्म-परिवर्तन कराने को लेकर हिमाचल प्रदेश में नया कानून आया है। जीं हां यहां जबरन धर्मातरण पर रोक लगा दी गई है। जबरदस्ती, झांसा देकर या फिर लालच देकर धर्म-परिवर्तन करवाना अब जघन्य अपराध माना जाएगा। ये ऐसा अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होगा।

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राज्यपाल ने मंजूर की संस्तुति

बता दें कि मानसून सत्र में धर्म की स्वतंत्रता विधेयक को विधानसभा से पारित कर राज्यपाल की संस्तुति के लिए भेजा गया था, जिसे राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही विधेयक ने कानून का रूप ले लिया है। विधि विभाग ने बुधवार को नए कानून की अधिसूचना जारी कर दी है।

सजा का प्रावधान

जबरन धर्म-परिवर्तन के इस नए कानून में कई तरह के कठोर प्रावधान किए गए हैं। सामान्य श्रेणी के व्यक्ति का जबरन धर्म-परिवर्तन करते हुए पकड़े जाने पर उसे न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल सजा होगी।

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इसके साथ ही जुर्माना भी भरना होगा। इसी तरह नाबालिग, महिला, एससी या एसटी से संबंधित व्यक्ति का जबरन धर्म-परिवर्तन करवाते हुए कोई पकड़ा जाता है तो उस स्थिति में न्यूनतम सजा दो साल और अधिकतम 7 साल सजा का प्रावधान किया गया है।

दूसरी पत्नी रखने के लिए धर्म-परिवर्तन

ऐसे धर्म-परिवर्तन करने के उद्देश्य से किया गया विवाह भी मान्य नहीं होगा। ज्यादातर देखने को मिलता है कि कई लोग एक पत्नी होते हुए दूसरी पत्नी रखने के लिए धर्म-परिवर्तन करवाते हैं। ज्यादातर सरकारी कर्मचारी ऐसा करते हैं। फिलहाल अब ऐसे विवाह को भी चुनौती दी जा सकेगी। ऐसे मामले फैमिली कोर्ट में सुने जाएंगे।

इच्छा से धर्म-परिवर्तन

अपनी इच्छा से धर्म-परिवर्तन पर किसी प्रकार की रोक नहीं रहेगी। लेकिन इच्छुक व्यक्ति को इसकी सूचना जिला मजिस्ट्रेट के सामने एक महीने पहले देनी होगी और घोषणा करनी होगी कि वह बिना डर और प्रलोभन से धर्म-परिवर्तन कर रहा है।

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लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप

इस नियम से पहले हिमाचल में चंबा, सिरमौर, मंडी और कुल्लू जिले के दुर्गम क्षेत्रों में पहले भी धर्म-परिवर्तन की घटनाएं सामने आई हैं। ईसाई मिशनरियों पर लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में सरकार ने ईसाई मिशनरियों पर फोकस करके ही यह कानून बनाया है।

जानकारी के लिए बता दें कि वीरभद्र सिंह सरकार भी धर्मांतरण रोकने वाला कानून ला चुकी है। लेकिन उसमें सजा का प्रावधान कम था। अब ऐसे में नया कानून जबरन धर्म-परिवर्तन को रोकने में कितना सफल होगा ये देखना होगा।

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