Republic Day 2024: 26 जनवरी परेड में महिलाओं की भागीदारी सुनश्चित, केंद्र सरकार का फैसला

Republic Day 2024: केंद्र सरकार ने महिलाओं की भागीदारी को प्रत्येक सेक्टर में बढ़ाने के विचार पर गणतंत्र दिवस के मार्च पास्ट में माहीलाओ की भागीदारी को सुनिश्चित किया है।

Update:2023-05-10 14:29 IST
Defence Minister - Rajnath Singh (Pic Credit - Social Media)

Republic Day 2024: केंद्र सरकार ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए देश के हर सेक्टर के काम में महिलाओं के भागीदारी को सुनिश्चित करने का फैसला किया है। जिसके साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गणतंत्र दिवस के कर्तव्य पथ के परेड पर महिलाओं को भाग लेने के लिए अन्य सरकारी विभागों को पत्र जारी किया है।

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में यह उल्लेखित है कि कर्तव्य पथ के मार्च पास्ट करने वाले समूह में केवल महिलाएं हो, इसके साथ ही झांकियों और बैंड बाजों में भी महिलाओं को शामिल करने की बात लिखी है। रक्षा मंत्री के इस पत्र ने अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को हैरान कर दिया है. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इसके लिए सेना में पर्याप्त महिलाएं ही शामिल नहीं है। वर्तमान में यह स्थिति बनी हुई है कि मार्च करने वाले विभागों के विभागों में केवल पुरुष ही है। इस फैसले के पीछे का कारण बताया जा रहा हैं कि महिलाओं को पुरुष सामान दर्जा प्रदान करने के लिए महिलाओं को नेतृत्व का भर सौपने के किए इसके साथ आर्टिलरी रेजीमेंट में शामिल करने जैसे कई तरीके अपनाएं है।

फैसला फरवरी में ही लिया गया था,

महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए यह फैसला 7 फरवरी को हुई एक बैठक के दौरान लिया गया था। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह मंत्रालय, सेना, नौसेना, वायु सेना, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया था। बैठक के लगभग एक महीने बाद, रक्षा मंत्रालय ने 1 मार्च को भाग लेने वाले बलों, मंत्रालयों और विभागों को औपचारिक रूप से एक पत्र निकाला था। पत्र में अगले साल होने वाली परेड में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष महत्व दिया गया है।

महिलाओं की उपस्थिति हर क्षेत्र में मुश्किल

रक्षा मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कर्तव्य पथ पर परेड में शामिल होने वाले सभी कार्यक्रमों में केवल महिलाएं होंगी। सभी भाग लेने वाले मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को भी इसके लिए तैयारियां शुरू करने और इस दिशा में प्रगति के बारे में समय-समय पर रक्षा मंत्रालय को बताने के लिए कहा गया है। व्यवहारिकता से साथ सरकार फैसला ले रही है। हालांकि, केवल महिलाओं की उपस्थिति मार्चिंग पास्ट और बैंड, झांकियों में होना मुश्किल हो सकता है।

गणतंत्र दिवस परेड में पैदल सेना के मार्चिंग समूह में महिलाओं की सेना बहुत कम होगी। अधिकारियों का तर्क है कि अभी तक पैदल सेना में महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है। उनका कहना है कि मार्चिंग टुकड़ियों का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मी (पीबीओआर) होते हैं और सेना में पीबीओआर की महिलाकर्मी केवल सैन्य पुलिस कोर में होती हैं. ऐसा नहीं है कि महिलाओं का बल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। तीनों सेना में महिलाओं की भागीदारी पहले से ही है महिलाएं पुरुष के बराबर लड़ाकू विमान चला रही है, युद्धपोतों पर काम कर रही है। उन्हें पीबीओआर कैडर में शामिल किया जाता है, इसके बाद भी इन्फैंट्री, टैंक और कॉम्बैट पोजिशन में अभी भी महिलाओं की भागीदारी उतने बड़े पैमाने पर नहीं है।

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