बैंक का नया नियम: 1 जनवरी से RBI करेगा लागू, लेनदेन करने वाले ध्यान दें

भारतीय रिजर्व बैंक के इस सिस्टम के तहत चेक के क्लियर करने से पहले चेक नंबर, चेक की तारीख, चेक जारी करने वाले का नाम, अकाउंट नंबर, अमाउंट सहित अन्य तमाम डिटेल्स को उन चेक डिटेल्स से मिलाया जाएगा, जिसे पहले जारीकर्ता द्वारा अधिकृत और जारी किया गया है।

Update:2020-12-14 15:30 IST
बैंक की तरफ से कहा गया ग्राहकों को बिना रुकावट बैंकिंग एक्सपीरियंस उपलब्ध कराने के लिए सर्विसेज बेहतर बनाने को मेंटिनेंस वर्क किया जा रहा है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) कुछ महीनों पहले पॉजिटिव पे सिस्टम लाया है। बैंक के इस नए नियम के अंतर्गत अब 50,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर कुछ डिटेल्स को फिर से यानी दोबारा से कंफर्म करना बहुत जरूरी होगा। असल में पॉजिटिव पे सिस्टम रिजर्व बैंक(RBI) का एक नया सिस्टम है। इस नियम के तहत फ्रॉड की गतिविधियों के बारे में पता लगाने में आसानी होगी। बैंक द्वारा इसे 1 जनवरी 2021 से लागू कर दिया जाएगा।

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क्लीयरेंस बैंक की तरफ से

भारतीय रिजर्व बैंक के इस सिस्टम के तहत चेक के क्लियर करने से पहले चेक नंबर, चेक की तारीख, चेक जारी करने वाले का नाम, अकाउंट नंबर, अमाउंट सहित अन्य तमाम डिटेल्स को उन चेक डिटेल्स से मिलाया जाएगा, जिसे पहले जारीकर्ता द्वारा अधिकृत और जारी किया गया है।

तो इसका मतलब ये हुआ है कि ग्राहक चेक काटते समय खुद बैंक को उसे भुनाने वाले की जानकारी देगा। फिर चेक काटने वाले और चेक भुनाने वाले दोनों की जानकारी के सही-सही मिलान होने पर ही उसका क्लीयरेंस बैंक की तरफ से होगा।

फोटो-सोशल मीडिया

अब ग्राहक चेक जारी करने के बाद बैंक को एसएमएस, एटीएम या मोबाइल ऐप के जरिए चेक लिखने का पूरा ब्यौरा साझा करेंगे। फिर बैंकों को 50,000 रुपये से ज्यादा की राशि पर ये सुविधा देनी होगी।

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खाताधारक पर निर्भर

इसके बाद शुरुआत में ये खाताधारक पर निर्भर करेगा कि वो इस सुविधा का लाभ लेंगे या नहीं। हालाकिं 5 लाख रुपये से ज्यादा राशि वाले चेक पर इस सुविधा को अनिवार्य किया जा सकता है।

यदि ग्राहक द्वारा जारी किए गए चेक और अन्य डिटेल्स में अंतर पाया जाता है, तो इसकी जानकारी चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस बैंक को दी जाएगी। फिर इसके बाद बैंक की तरफ से चेक लगाने वाले व्यक्ति को भी जानकारी दी जाएगी।

साथ ही नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) इस पॉजिटिस पे सिस्टम को विकसित कर रही है। ऐसे में एनपीसीआई ही यह सुविधा बैंकों को उपलब्ध कराएगा। लेकिन RBI ने कहा कि उसके बाद बैंक 50,000 रुपये और उससे ऊपर के सभी पेमेंट के मामले में खाताधारकों के लिए इसे लागू करेंगे। जिससे फ्रॉड होने से बचा जा सके।

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