IAS रानी नागर का इस्तीफा: बताया जान को खतरा, आईएएस लॉबी में मची हलचल

चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटते ही हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को भेजा।

Update: 2020-05-04 09:18 GMT

नई दिल्ली: पूरा देश जहां कोरोना की जंग लड़ रहा है और लॉक डाउन तीसरे फेज में पहुँच गया है जिसको बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटते ही हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को भेजा। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने अपने घर गाजियाबाद लौटने के लिए पास का आवेदन भी कर दिया है। रानी नागर के इस्तीफा देने के कारण आईएएस लाबी में हलचल मच गयी है।

जान को खतरा बताया

बता दें कि 2014 बैच की आईएएस अधिकारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश की निवासी हैं। गत 23 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाली थी, जिससे अफसरशाही में हलचल मच गई थी। वह दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं।

आईएएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न का आरोप

रानी ने 17 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें उन्होंने व रीमा नागर ने जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की थी। रानी जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाकर सुर्खियों में आई थीं।

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उन्होंने सीएम व मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था। रानी 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही थीं।

पहले भी रह चुकी हैं सुर्खियों में

-रानी नागर ने पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार व उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। मामला सीएम तक पहुंचा था। गुलाटी आरोपों को नकार चुके हैं। उन्होंने सरकार को भी जवाब दे दिया था।

-एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकीं।

-डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था। डीजीपी को शिकायत दी थी।

-सुरक्षा न मिलने का मुद्दा भी रानी नागर उठा चुकी हैं।

-गुलाटी के खिलाफ ताकतवर आईएएस लॉबी

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आईएएस सुनील गुलाटी सरकार को भी फूटी आंख नहीं सुहाते

आईएएस सुनील गुलाटी केंद्र में प्रतिनियुक्ति से हरियाणा लौटने के बाद खुड्डेलाइन पोस्टिंग पर ही रहे हैं। प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन व हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड विभाग ही उनके पास रहे। आईएएस की ताकतवर लॉबी उनके खिलाफ है। वह सरकार को भी फूटी आंख नहीं सुहाते।

गुलाटी वर्तमान में मुख्य सचिव के बाद सबसे वरिष्ठ आईएएस हैं लेकिन न तो उन्हें वित्तायुक्त लगाया गया, न ही अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। मुख्य सचिव बनने की उनकी राह में भी रोड़े अटकाए जा रहे हैं।

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