Ritika Jindal Success Story: 22 साल में सिविल सेवा परीक्षा क्रैक, असाधारण स्टोरी, राह में थीं चट्टान जैसी रूकावटें
Ritika Jindal Success Story: रितिका ने जिस समय बेहद कठिन मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया था, उस दौरान उनकी उम्र महज 22 साल थी।
Ritika Jindal Success Story: जीवन में मुश्किलें कभी पूछ कर नहीं आतीं। अक्सर ये उस समय हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती है, जब हम जीवन के किसी महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे होते हैं। पंजाब के मोगा शहर की रहने वाली रितिका जिंदल की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी। लेकिन रितिका ने इस दौरान अदम्य साहत को दिखाते हुए उन मुश्किलों को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया और आखिरकार अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया।
हम जिस रितिका जिंदल (Ritika Jindal) की बात कर रहे हैं, वो वर्तमान में देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। रितिका ने जिस समय बेहद कठिन मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया था, उस दौरान उनकी उम्र महज 22 साल थी। हम सब जानते हैं कि अधिकतर लोग इस उम्र में सिविल सेवा परीक्षा (upsc exam pattern 2022) की तैयारी भी ठीक से शुरू नहीं कर पाते हैं।
रितिका जिंदल (IAS Ritika Jindal) का आईएएस बनना सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि उन्होंने महज 22 की उम्र में एक छोटे से शहर से निकलकर यह सफलता हासिल की बल्कि उनके बैकग्राउंड को लेकर है। जिन परिस्थितियों में उन्होंने सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा दी थी, वैसी हिम्मत बहुत कम ही लोग दिखा पाते हैं। यूपीएससी जैसी परीक्षा को पास करने के लिए शारीरिक के साथ –साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। रितिका जिंदल ने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए यूपीएससी परीक्षा में 88वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का बचपन का सपना पूरा किया।
12वीं में उत्तर भारत में किया था टॉप
रितिका जिंदल बचपन से ही एक मेधावी छात्रा थीं। उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई मोगा से ही पूरी की। 12वीं में रितिका ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में उत्तर भारत में टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिल दिया और स्नातक में 95 फीसदी अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
पहले प्रयास के दौरान पिता को हुआ कैंसर
स्नातक मे शानदार नंबर से उत्साहित रितिका जिंदल देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारियों में जुट गईं। लेकिन जिंदगी यहां यूपीएससी से भी कठिन परीक्षा लेने के लिए तैयार बैठी थी। रितिका के पिता टंग कैंसर के शिकार हो गए, जिससे परिवार तनाव में आ गया। रितिका की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पिता के सेवा के साथ तैयारी में जुटी रहीं। इसके बाद वह परीक्षा में बैठीं। वह तीनों चरण निकालने में कामयाब रहीं लेकिन वह फाइनल लिस्ट में कुछ अंकों से पिछड़ गई। रितिका इससे घबरायी नहीं और दूसरे प्रयास की तैयारी में जुट गईं।
22 साल की उम्र में गाड़ा झंड़ा
रितिका के लिए दूसरा प्रयास भी आसान नहीं था क्योंकि जब वह इसकी तैयारी कर रही थीं, तभी उनके पिता को फेंफड़ों का कैंसर हो गया था। एकबार फिर पढ़ाई प्रभावित हुआ। लक्ष्य को हासिल करना रितिका के लिए कठिन चुनौती बन गया था। लेकिन उन्होंने मुश्किलों का सामना करते हुए तैयारी जारी रखी और अबकी बार सफलता के झंडे गाड़ दिए। रितिका ने साल 2018 में जिस समय यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की थी, उस समय वह मात्र 22 साल की थीं।
ट्रेनिंग के दौरान माता-पिता गुजरे
एक प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर देश में नाम कमाने वाली रितिका जिंदल को बहुत जल्द एक बड़ा झटका लगने वाला था। मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान अचानक उनकी अनुपस्थिति में उनके दोनों माता-पिता कैंसर के कारण चल बसे। रितिका पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रितिका अपने माता – पिता को याद करते हुए कहती हैं कि बचपन में लाला लाजपत राय और भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों के जो किस्से उन्होंने सुनाए थे, उन्हीं ने उनके अंदर देशसेवा के बीज बोए। रितिका फिलहाल हिमाचल प्रदेश के मंडी में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं।