Tanuj Patel: कोरोना संकट के बीच अमेरिका से आए भारत, ऐसा है इनका सफर
अमेरिका से एक शख्स जो भारत किसी काम से आता है और यहां के हालातों और लोगों की परेशानियों को देख वापस ही नहीं जाना चाहता। लोगों की मदद, भूखे और गरीब भारतीयों को भर पेट खाना खिलाना ये सब करना वो अपना लक्ष्य बना लेता है। ऐसे शख्स को 'गरीबों का मसीहा' कहा जा सकता है। दरअसल, हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम है 'तनुज पटेल'।
अहमदाबाद: अमेरिका से एक शख्स जो भारत किसी काम से आता है और यहां के हालातों और लोगों की परेशानियों को देख वापस ही नहीं जाना चाहता। लोगों की मदद, भूखे और गरीब भारतीयों को भर पेट खाना खिलाना ये सब करना वो अपना लक्ष्य बना लेता है। ऐसे शख्स को 'गरीबों का मसीहा' कहा जा सकता है। दरअसल, हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम है 'तनुज पटेल'।
अहमदाबाद के आनंद मे हुआ तनुज पटेल का जन्म
तनुज पटेल (Tanuj Patel) का जन्म भारत में ही हुआ था। 13 मई 1984 को गुजरात के अहमदाबाद स्थित आनंद में हुआ था। बाद में वे अमेरिका में बस गए। इस साल जब पूरी दुनिया कोरोना संकट से जंग लड़ रही थी तो तनुज पटेल अपने मूल देश की मदद और भारतीय भाई- बहनों के संघर्षों में उनके साथ खड़े रहने के लिए भारत में मौजूद रहे।
कोरोना संकट के बीच अमेरिका से आए भारत
दरअसल, तनुज पटेल लॉकडाउन से पहले पटेल मल्टीस्पेश्यालिटी अस्पताल के उद्घाटल कार्य के लिए अमेरिका से भारत अपने मूल देश आए थे, लेकिन दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरे भारत में लॉकडाउन जैसी गंभीर स्थिति होने की वजह से उन्होंने अपने परिवार में वापस जाने के बजाए अपने वतन में ही रह कर जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का फैसला किया।
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रूट्स फाउंडेशन के जरीए लाखों लोगों की मदद की
दरअसल, तनुज पटेल लॉकडाउन से पहले भारत आये थे। तनुज यहां पटेल मल्टीस्पेश्यालिटी अस्पताल के उद्घाटल कार्य में शामिल होने के लिए आये लेकिन उसी समय लॉकडाउन लग गया। देश में लॉकडाउन के चलते हजारों लाखों लोगों की रोजी रोटी का जरिया ही बंद हो गया।
तनुज ने हालातों और आने वाली परेशानियों को भांप लिया। उन्हें मालूम हो गया था कि उनकी जरूरत भारत में हैं। ऐसे में अपने परिवार के पास अमेरिका वापस जाने की बजाए तनुज ने देश में रहकर जरूरतमंदों की मदद का फैसला लिया। वो दिन है और आज का दिन, तनुज लगातार जन सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने अब तक लाखों लोगों की भूख मिटाई। कोरोना से बचाव के लिए मास्क बांटे और हर वो संभव काम किया, जो वे भारत के लिए कर सकते थे।
4 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों को भोजन
तनुज ने सेवाभावी सामाजिक संस्था रूट्स फाउंडेशन (Roots Foundation Founder) के जरिये कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान काफी सारा सामाजिक काम करके लोगों को सहायता की। रूट्स फाउंडेशन की नींव साल 2016 में रखी गयी थी। लेकिन कोरोना संकट के बीच इस संस्था ने लाखों लोगों को पेट भरा। भोजन कराने से लेकर, राशन – फ्रूट, सब्जियां आदि पहुँचाने के साथ साथ लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मास्क, सेनेटाइजर, होमियोपैथिक दवा का वितरण करने का काम इस दौरान तनुज पटेल ने किया।
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17000 से ज्यादा लोगों को उनके वतन भेजने की व्यवस्था
तनुज पटेल और उनकी संस्था ने चार लाख से ज्यादा गरीब लोगों को दो समय का मुफ्त में भोजन घर तक पहुंचाया है। 17000 से ज्यादा लोगों को उनके वतन वापस भेजने की व्यवस्था की और यात्रा के दौरान उनके खाने पीने की भी व्यवस्था की। इसमें यात्रयों को फूड पैकेट्स एवं पानी की बोतल और मास्क दिए गए।
तनुज पटेल रूट्स फाउंडेशन के संस्थापक हैं और एक समाजसेवी भी। बचपन से नेक दिल और लोगों की मदद की इच्छा रखने वाले तनुज पटेल ने बताया कि कोरोना की वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है। ऐसे में बचाव का केवल एक ही उपाय है, वो है बाहर जाते वक्त मास्क जरूर पहनना और हाथों को सैनेटाइज करना। इसीलिए मास्क का वितरण करने के साथ ही तनुज और उनकी टीम लोगों को जागरूक भी कर रही है।
देश प्रेम और मानवता की बने मिसाल
इस संकट के समय में अपने परिवार से दूर तनुज ने केवल एक समाजसेवी होने के नाते लोगों की मदद नहीं की, बल्कि अपने वतन के प्रति ईमानदारी और देशवासियों के लिए भाईचारे और प्रेम की भावना भी जाहिर कर दी। उन्होंने सब छोड़ कर इस मुश्किल समय में देश का साथ देने की ठान ली। अपनी मातृभूमि में रहकर जरूरतमंद लोगों की सेवा कर मानवता की मिसाल दी। खुद तनुज ने अपने लिए लक्ष्य तय किया कि वे इन मुश्किल हालातों में अपने देश के हर वर्ग के भाई बहनों को भूखा पेट नहीं सोने देंगे। जब तक महामारी चलती रहेगी, तब तक लगातार देश सेवा और जन सेवा में लगे रहेंगे।