नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के पास यह स्वीकारने का 'चरित्र व साहस' नहीं है कि वही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 'मूल राजनीतिक दल' है और जोर देते हुए कहा कि भाजपा और संघ को हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, "सहयोगियों की बैठक में (वृंदावन) में शामिल होने के बावजूद आरएसएस के पास अभी भी चरित्र व साहस नहीं है कि कह सके कि वह भाजपा की 'मूल राजनीतिक पार्टी' है।"
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आरएसएस की ऑक्टोपस के साथ तुलना करते हुए शर्मा ने कहा, "इसके कई सहयोगी संगठन हैं। वे भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म के प्रतिनिधित्व का दावा करते हैं। जबकि आरएसएस व हिंदुत्व राजनीतिक विचारधारा हैं, न तो यह संस्कृति हैं और न ही हिंदू धर्म का दर्शन हैं।"
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उन्होंने कहा, "देश के बहुसंख्यक समुदाय ने कभी आरएसएस या भाजपा को हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार नहीं दिया है। यह दिखाता है कि उनकी सोच विकृत है। राजनीति में धर्म का घातक घालमेल ही वह चीज है जो भाजपा और आरएसएस कर रहे हैं।"
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शर्मा ने कहा, "आरएसएस अभी भी एक सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन होने का दावा करता है। हालांकि, आरएसएस की मोहर के बिना भाजपा या भाजपा सरकार कोई फैसला नहीं लेती। उन्हें सामने आकर यह स्वीकार करना चाहिए कि वही भाजपा की राजनीतिक नीति निर्धारण को नियंत्रित करते हैं।"
आरएसएस व इसके सहयोगियों की एक समन्वय बैठक वृंदावन में शुक्रवार को शुरू हुई। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी भाग ले रहे हैं।