RSS ने कहा-शादी सिर्फ विपरीत लिंग वालों में ही संभव, केंद्र सरकार के नजरिए से सहमति जताई

RSS News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समलैंगिक विवाह पर केंद्र सरकार के नजरिए से सहमति जताई है। संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि विवाह केवल दो विपरीत लिंग के लोगों के बीच में ही हो सकता है।

Update:2023-03-15 14:58 IST
संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले (फोटो: सोशल मीडिया

RSS News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समलैंगिक विवाह पर केंद्र सरकार के नजरिए से सहमति जताई है। संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि विवाह केवल दो विपरीत लिंग के लोगों के बीच में ही हो सकता है। पानीपत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के आखिरी दिन होसबोले ने कहा कि हिंदू दर्शन में विवाह एक संस्कार है और इसे कॉन्ट्रैक्ट नहीं कहा जा सकता।

केंद्र सरकार ने अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया था। 56 पेज के इस हलफनामे में समलैंगिक विवाह को भारतीय परंपरा के खिलाफ बताया गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक विवाह की धारणा अनिवार्य रूप से विपरीत सेक्स वाले दो व्यक्तियों के मिलन को मानती है। केंद्र सरकार का यह भी कहना है कि समान संबंध वाले सेक्स की तुलना पति-पत्नी के संबंधों से पैदा हुए बच्चों के कॉन्सेप्ट से नहीं की जा सकती। अब संघ ने भी केंद्र सरकार के इस रुख का समर्थन किया है। अब यह मामला संविधान पीठ के पास भेज दिया गया है।

विवाह समझौता नहीं बल्कि संस्कार

संघ महासचिव होसबोले ने कहा कि विवाह एक समझौता नहीं है बल्कि यह एक संस्कार है। संघ समाज की मान्यता के मुताबिक ही बात करता है और सामाजिक नजरिए से विवाह को हमेशा एक संस्कार माना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा भी मानना है कि विवाह हमेशा दो विपरीत लिंग वाले लोगों के पीछे ही हो सकता है। इसलिए हम इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के नजरिए से पूरी तरह सामना हैं। विवाह केवल शारीरिक इच्छापूर्ति मात्र के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि विवाह से गृहस्थ जीवन के आदर्श मिलते हैं। इसे कभी भी कॉन्ट्रैक्ट नहीं माना जा सकता।

राहुल को जिम्मेदारी से बोलने की नसीहत

संघ महासचिव ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को और जिम्मेदारी से बोलने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि समाज में संघ की व्यापक स्वीकार्यता है और राहुल गांधी को इस वास्तविकता को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को संघ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है और राहुल गांधी को अभी और परिपक्व होने की जरूरत है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल के देश में लोकतंत्र के खतरे में होने के बयान से जुड़े सवाल पर होसबोले ने कहा कि अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए वे इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और संघ अपने सिद्धांतों और विचारधारा के अनुरूप काम करने में जुटा हुआ है।

संघ की समाज में व्यापक स्वीकार्यता

संघ के नेता ने कहा कि जिन लोगों ने देश को जेल बना दिया था, उन्हें देश में लोकतंत्र के सवाल पर बोलने का कोई अधिकार ही नहीं है। राहुल गांधी को कोई भी बयान देने से पहले अपनी जिम्मेदारी महसूस करनी चाहिए। देश के समाज ने संघ को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है और ऐसे में राहुल गांधी को कोई भी बयान देने से पहले वास्तविक स्थिति की सही जानकारी रखनी चाहिए।
होसबोले की यह प्रतिक्रिया और राहुल गांधी की ओर से लंदन में दिए गए बयान पर सामने आई है।

कांग्रेस नेता ने लंदन में देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के खतरे में होने और विपक्षी नेताओं को बोलने का मौका न दिए जाने की बात कही थी। उन्होंने संघ और भाजपा पर देश की सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लेने का बड़ा आरोप भी लगाया था। उनका कहना था कि संसद में विपक्षी नेताओं को बोलने नहीं दिया जाता और जब वे किसी मुद्दे पर अपनी बात रखने की कोशिश करते हैं तो माइक बंद कर दिया जाता है। इस बयान पर अब संघ की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

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