नई दिल्ली: विश्व विख्यात संस्कृति-सभ्यता और युवाओं में देश के प्रति प्रेम भावना को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने कमर कस ली है। दरअसल, आरएसएस ने देश के विभिन्न हिस्सों में ‘बालगोकुलम’ अभियान शुरू करने की योजना बनाई है जिसमें वह बच्चों को अपनी विचारधारा के बारे में बताएगा।
बैठक में लिया था यह फैसला
आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों ने यह फैसला हाल ही में हुई संगठन की एक बैठक में लिया जिसमें इस बात पर रजामंदी बनी कि कार्यकर्ता साप्ताहिक रूप से विभिन्न शहरों में बालगोकुलम का आयोजन करेंगे। आरएसएस इस अभियान को एक सुधारात्मक कदम बता रही है। पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम के लिए रविवार का दिन निर्धारित किया है।
18 साल तक के बच्चों को दी जायेगी शिक्षा
इस कार्यक्रम में आरएसएस कार्यकर्ता 18 साल तक के बच्चों को संस्कृति और नैतिक शिक्षा के साथ हिंदू महापुराणों के जरिए युवाओं को शिक्षा देंगे। इस कार्यक्रम की शुरुआत एक जून से होगी जिसे करीब 5000 सेंटरों पर चलाया जाएगा।
1970 में हुई थी कार्यक्रम की शुरुआत
बता दें कि आरएसएस ने इस कार्यक्रम की शुरुआत 1970 में केरल में की गई थी जिसका मकसद बच्चों में सांस्कृतिक और नैतिक शिक्षाओं का संचार करना था। बाद में 1981 में इस अभियान को रजिस्टर्ड भी कराया था।
केरल और मलयाली परिवार कुछ शहरों में चला रहे कार्यक्रम
अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार ने बताया कि फिलहाल यह कार्यक्रम केरल और मलयाली परिवार द्वारा कुछ शहरों में चलाया जा रहा है अब हम अन्य राज्यों में भी इस अभियान को चलाना चाहते हैं।