दुखद! आखिरी समय अरुण जेटली ने इन लोगों को किया याद

देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली अब इस दुनिया में नहीं रहे। अरुण जेटली का 66 की उम्र में आज दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल मेें निधन हो गया। अरुण जेटली 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था।

Update:2019-08-24 15:26 IST

नई दिल्ली : देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली अब इस दुनिया में नहीं रहे। अरुण जेटली का 66 की उम्र में आज दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल मेें निधन हो गया। अरुण जेटली 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। और आज दोपहर 12:07 पर अरूण जेटली ने आखिरी सांस लीं और दुनिया को अलविदा कहा।

आपको बता दें कि अरूण जेटली ने 6 अगस्त को श्री रामचरितमानस के रचयिता और महान संत तुलसीदास की जयंती पर उनको नमन किया था। 5 से 6 अगस्त के बीच अरुण जेटली अपने ब्लॉग arunjaitley.com और फेसबुक पेज पर लगातार एक्टिव रहे।



अरुण जेटली खुद एक राजनेता और वकील तो थे ही साथ ही उनका धर्म-कर्म में भी बहुत आस्था रहता था। राष्ट्रप्रेम और क्रांतिकारी वीरों को भी सम्मान देने में कोई कमी नहीं छोड़ते थे।

थे अच्छे हाजिर जवाबी

वित्त मंत्री होने के साथ अरुण जेटली कानून के भी अच्छे जानकार और हाजिर जवाबी राजनेता भी थे। जेठली मीडियाकर्मियों के उलझे सवाल पर भी वह बड़े ही बेबाकी से जवाब दे कर निकल जाते थे। बीजेपी को गंभीर से गंभीर संकट से बाहर निकालने में उनको महारथ हासिल थी। भाजपा के लिए वह एक संकटमोचक के तौर पर लंबे समय तक याद किए जाएंगे।

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अरूण जेटली ने आखिरी बार 6 अगस्त को श्री रामचरितमानस के रचयिता और महान संत तुलसीदास की जयंती पर उनको नमन किया था। 5 से 6 अगस्त के बीच अरुण जेटली अपने ब्लॉग arunjaitley.com और फेसबुक पेज पर लगातार एक्टिव रहे। इसके बाद सुषमा स्वराज के निधन पर भी अरुण जेटली ने सोशल साइट्स के जरिए शोक व्यक्त किया था।



मोदी और जेटली की गहरी दोस्ती

6 अगस्त को 3:14 बजे जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर संसद के सफल सत्र पर लंबा ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग में जेटली ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को विशेषतौर पर धन्यवाद किया था। अरुण जेटली ने तीन तलाक से लेकर जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार के फैसले की तारीफ की थी।

जेटली का आखिरी ब्लॉग

जेटली ने अपने अंतिम फेसबुक ब्लॉग में लिखा, 'संसद का वर्तमान सत्र सबसे अधिक लाभदायक रहा है। इस सत्र में ऐतिहासिक विधान पारित किए गए हैं। ट्रिपल तालाक कानून, भारत के आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत करना और अनुच्छेद 370 पर निर्णय सभी अभूतपूर्व हैं। लोकप्रिय धारणा है कि अनुच्छेद 370 पर बीजेपी ने जो वादा किया था, उसकी उपलब्धि अविश्वसनीय है। सरकार की नई कश्मीर नीति के समर्थन में जनता का मूड इतना मजबूत है कि कई विपक्षी दलों ने जनता की राय के आगे घुटने टेक दिए। राज्यसभा के लिए दो-तिहाई बहुमत से इस फैसले को मंजूरी देना किसी की भी कल्पना से परे है। मैं इस निर्णय के प्रभाव का विश्लेषण करता हूं, जम्मू-कश्मीर मुद्दे को हल करने में विफल प्रयासों का इतिहास।'

6 अगस्त को अरुण जेटली ने शाम 4 बजे के बाद कई ट्वीट किए। कुछ ट्वीट्स में तो जेटली कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया था। और कुछ में उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की थी।



आपको बता दें कि बीते कारगिल विजय दिवस हो या फिर बाल गंगाधर तिलक या फिर चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर जेटली ने बीमारी की हालत में भी याद किया। पिछले दिनों सुषमा स्वराज और कांग्रेस के कद्दावर नेता जयपाल रेड्डी के निधन पर भी जेटली ने सोशल साइट्स के जरिए ही शोक व्यक्त किया था।

अरूण जेटली के निधन पर पूरे देश शोक में डूबा है। पीएम मोदी ने अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देते हुए लगातार चार ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "मैंने एक अहम दोस्त खो दिया है, जिन्हें दशकों से जानने का सम्मान मुझे प्राप्त था। मुद्दों पर उनकी समझ बहुत अच्छी थी। वो हमें अनेक सुखद स्मृतियों के साथ छोड़ गए। हम उन्हें याद करेंगे।"



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