इस केंद्रीय मंत्री ने लॉकडाउन के नियमों की उड़ाई धज्जियां, विपक्ष ने बोला करारा हमला

ताजा मामला केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि मंत्री ने लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया है। वह आज विमान से दिल्ली से बंगलूरू पहुंचे थे। लेकिन बाद में वह 14दिनों के क्वारंटीन पर नहीं गए।

Update:2020-05-25 16:11 IST

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान करते हुए सभी देशवासियों से इसका पालन करने की अपील की थी। लेकिन खुद केंद्र में बैठे मंत्री ही इसके नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

ताजा मामला केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि मंत्री ने लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया है। वह आज विमान से दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचे थे। लेकिन बाद में वह 14दिनों के क्वारंटीन पर नहीं गए।

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विपक्ष ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि कि घरेलू उड़ान सेवा के बाद वह एकांतवास) में नहीं रहे। जिसके बाद मंत्री सदानंद गौडा को आगे आकर इस मामले में सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री हूं और मैं औषध मंत्रालय का नेतृत्व कर रहा हूं।

ऐसे में यदि दवाओं और अन्य चीजों की आपूर्ति किसी कारण से ठीक से नहीं हो पा रही है तो डॉक्टर मरीजों के लिए क्या कर सकते हैं? देश के प्रत्येक कोने में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है। दिशानिर्देश सभी नागरिकों के लिए लागू होते हैं लेकिन कुछ जिम्मेदार पदों पर रहने वालों को इससे छूट के लिए नियम हैं।

कैबिनेट मंत्री का टेस्ट कोरोना पॉजिटिव

महाराष्ट्र के एक और कैबिनेट मंत्री का टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। बताया जा रहा है कि मंत्री कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में आते हैं। वो 5 दिन पहले मुंबई से नादेड़ गए थे। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए नादेड़ स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

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बंगाल- आंध्रा छोड़ पूरे देश में विमान सेवा शुरू

लॉकडाउन के चौथे चरण में 25 मई से घरेलू उड़ान सेवा को भी फिर से शुरू कर दिया गया, लेकिन अभी भी आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हवाई सेवा की शुरुआत नहीं होने वाली है।

कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर उन कुछ राज्यों में से हैं, जिन्होंने उनके राज्य के हवाई अड्डों पर उतरने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग पृथक-वास के नियम तय किए हैं। कुछ राज्यों ने जहां यात्रियों को अनिवार्य संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में रखने का फैसला लिया है, वहीं कई अन्य ने उन्हें घर और पृथक-वास केन्द्रों में रखने की बात कही है।

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