मिथक नहीं थी रानी पद्मावती, अस्थि कलश आज भी मौजूद है इस मंदिर में !

Update:2017-11-28 19:24 IST

संभल : संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके चलते पद्मावती मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बैन हो चुकी है। पद्मावती से जुड़ी कहानियां कही और सुनी जा रही हैं। लेकिन आपने जो नहीं सुना वो हम बता देते हैं।

पद्मावती का अस्थि कलश यूपी के संभल जिले में बने जौहर स्मृति मंदिर में रखा गया है। भारत सरकार के गजेटियर 1965 में भी पवांसा के जौहर का उल्लेख है। इसी से साबित होता है कि वहां रानी और उसके साथ महल में मौजूद महिलाओं ने जौहर किया था।

 

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पंवासा के जौहर स्मृति मंदिर में 4 अस्थि कलश रखे हैं। रानी पद्मावती, कमलावती, करुणावती के। इसके अलावा पवांसा की वीरांगनाओं का एक कलश है। जिसमें रानी पवांरनी और उनके साथ जौहर करने वाली करीब 200 रानियों की अस्थियां शामिल है।

ग्रामीणों की मानें, तो बुलंदशहर, अलीगढ़, बदायूं, मुरादाबाद में कुल 1656 रियासतें थीं। जिसके राजा प्रताप सिंह थे। पवांसा के इतिहास को देखा जाए तो अक्टूबर 1985 में एक जौहर स्मृति मंदिर का निर्माण कराया गया। इसी मंदिर में रानी पवांरनी और उनके साथ जौहर करने वाली वीरांगनाओं का अस्थि कलश रखा गया। इसके अलावा यहां चित्तौड़ की रानी पद्मावती, कलावती और करुणावती का कलश भी रखा गया है|

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पवांसा में तीन सौ वर्ष पहले 17 नवंवर 1717 ई. को रानी पवांरनी के साथ लगभग दो सौ महिलाओं ने जौहर किया था। जिसकी याद में प्रति वर्ष पवांसा के जौहर स्थल पर कार्यक्रम होते हैं। इस वर्ष तीन सौ वर्ष पूर्ण होने पर विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वीरांगनाओं की आत्मा की शांति को हवन-यज्ञ किया गया और उन्हें श्रधांजलि दी गई|

कार्यक्रम में पद्मावती फिल्म के विरोध में महिलाओं ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की शवयात्रा निकाल दोनों का पुतला फूंका गया।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की ओर से संजय लीला भंसाली के नाक-कान काट कर लाने वाले को पचास लाख का ईनाम देने की भी घोषणा की गई। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति ने के नाम ज्ञापन में मांग की कि संजय लीला भंसाली के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा पंजीकृत कर जेल में डाला जाय।

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