Rashtriya Swayamsevak Sangh: यूपी में संघ की गतिविधियां हुईं तेज, संघ अपनी जिम्मेदारी निभाने की रणनीति पर कर रही तैयारी

Rashtriya Swayamsevak Sangh: वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। संघ प्रमुख की तरफ से कहा जा चुका है कि यह संघ के लिए सौभाग्य का वर्ष रहेगा।

Report :  Jyotsna Singh
Update: 2024-06-26 09:34 GMT

Rashtriya Swayamsevak Sangh

Rashtriya Swayamsevak Sangh: राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के अगले वर्ष होने वाले शताब्दी समारोह की तैयारियां होने लगी है। पूरे वर्ष चलने वाले शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए जिलावार बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। इन सबके बीच देश के सबसे बडे़ सूबे उत्तर प्रदेश में कार्यक्रमों का व्यापक आयोजन किए जाने की संभावना है। जिसे देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत यूपी आ रहे है।उल्लेखनीय है कि अगले साल यानी वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। संघ प्रमुख की तरफ से कहा जा चुका है कि यह संघ के लिए सौभाग्य का वर्ष रहेगा। इसे और भी सौभाग्यशाली बनाना है। स्थापना वर्ष तक हर खंड व गांव तक संघ को पहुंचाना है। गांव-गांव में स्वयंसेवकों का समूह बनाकर खंड स्तर पर शाखाएं लगवानी हैं, जिससे राष्ट्र व समाज के विकास में संघ की भूमिका अंतिम पायदान तक सुनिश्चित हो सके।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  सर संघचालक मोहन भागवत मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर 30 जून को काशी आ रहे हैं। श्री भागवत सिगरा स्थित संघ कार्यालय में प्रवास करेंगे। वह विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे। संघ प्रमुख वाराणसी में कालभैरव, काशी विश्वनाथ व संकटमोचन में भी दर्शन पूजन करेंगे। इसके अलावा वह गाजीपुर के हथियाराम मठ में मां बुढ़िया देवी का दर्शन करेंगे। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि संघ प्रमुख बाबा विश्वनाथ धाम जाएंगे और दर्शन पूजन के साथ बाबा का भव्य अभिषेक करेंगे।इसके बाद गाजीपुर में हथिया राम मठ में दर्शन पूजन के लिए रवाना होंगे। जहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भारत पाकिस्तान युद्व में अपनी वीरता का प्रदर्शन करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद पर रचित पुस्तक का लोकार्पण करेंगे। संघ प्रमुख क्षेत्र व प्रांत प्रचारक समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।वहीं संघ प्रचारकों की चार दिवसीय वार्षिक बैठक लखनऊ निरालानगर सरस्वती कुंज में आहूत की गयी है। जिसका समापन 29 जून को होगा। आरएसएस की शताब्दी वर्ष की तैयारी हेतु चार दिवसीय बैठक। इस बैठक में शामिल होने के लिये संघ के सह सर कार्यवाह होसबोले जी उपस्थिति रहेंगे।


दो सप्ताह पहले भी संघ प्रमुख मोहन भागवत यूपी आ चुके है। पिछले दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में कानपुर, गोरक्ष, अवध व काशी प्रांत शामिल है। इस विकास वर्ग में करीब 300 स्वंयसेवकों ने हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में स्वंयसेवको को मोहन भागवत का संबोधन हुआ था।यहां यह भी बताना जरूरी है कि हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिली असफलता को लेकर संघ असंतुष्ट दिखाई दिया है।लोकसभा चुनाव में करीब आधी सीटों तक सिमटने वाली भाजपा की हार के भले ही कई कारण गिनाए जा रहे हों, पर संघ से दूरी भी एक बड़ी वजह है। संभवतः यह पहला चुनाव रहा जिसमें भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति तैयार करने तक में भी संघ से परामर्श नहीं लिया। लिहाजा संघ ने भी खुद को अपने वैचारिक कार्यक्रमों तक ही समेटे रखा।

इसका भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। यह पहला चुनाव था जिसमें चुनावी प्रबंधन में संघ परिवार और भाजपा में दूरी दिखी। भाजपा ने किसी भी फैसले में उससे परामर्श करने तक की भी जरूरत नहीं समझी। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मौन साध रखा था। आमतौर पर चुनाव में जमीनी प्रबंधन में सहयोग करने वाले संघ के स्वयंसेवक इस चुनाव में शायद ही कहीं दिखे हों।अब एक बार फिर संघ अपनी जिम्मेदारी निभाने की रणनीति पर तैयारी कर रहा है। जिससे संघ अपने शताब्दी वर्ष में भाजपा को और कितना ताकतवर बनाकर खुद पर गर्व कर सके।

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