Yuva Swarojgar Yojana: रूठे युवाओं को मनाने के लिए अब संघ आएगा, रोजगार से जोड़ने के लिए स्वरोजगार को अपनाने पर देगा जोर
Yuva Swarojgar Yojana: आरएसएस ने तय किया है कि प्रातःकालीन शाखाओं में युवा और उम्रदराज लोगों के लिए अलग-अलग शाखाएं शुरू करने का काम करें। संघ पहली बार रोजगार बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा
Yuva Swarojgar Yojana: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में अपेक्षा के विपरीत मिली लोकसभा सीटों में युवाओं की बेरोजगारी को लेकर नाराजगी को भी एक कारण माना जा रहा है जिसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने युवाओं को जोड़ने रणनीति तय की है। इसके लिए संघ स्वंयसेवक कालेज और विश्वविद्यालयों में युवाओं से सम्पर्क साधकर उन्हे राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाकर अपनी शाखाओं में आने को प्रेरित करेंगे।संघ ने यह भी तय किया है कि शताब्दी वर्ष में विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए अभियान चलाकर नए प्रचारकों को संघ की - रीति-नीति भी सिखाई गई। आरएसएस ने तय किया है कि प्रातःकालीन शाखाओं में युवा और उम्रदराज लोगों के लिए अलग-अलग शाखाएं शुरू करने का काम करें।
संघ पहली बार रोजगार बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रहा है। इसमें संघ के संपर्क के व्यवसायियों और उद्योगपतियों के बीच रोजगार सूजन को लेकर चर्चा की जाएगी। इसमें अलग-अलग तरह के रोजगार दिए जा सकते हैं। छोटे- छोटे कुटीर उद्योग शुरू करने में संघ गाइड कर सकता है। योजना के तहत गांवों में छोटे व मध्यम कुटीर उद्योग शुरू किए जाएंगे। प्रत्येक जिले में एक रोजगार सृजन केंद्र की स्थापना की जाएगी। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होगी। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बैंकों से ऋण दिलवाने की व्यवस्था की जाएगी। और समाज के लोगों से स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा खरीदने का आह्वान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के खिलाफ बने माहौल का एक कारण भर्ती परीक्षाओं अग्निपथ योजना तथा पेपरलीक मामलों से भी युवाओं में नाराजगी रही है।संघ का मानना है कि पूरे देश में 15 से 29 वर्ष के 37 करोड़ युवा हैं। किसी सरकार के बस में नहीं है कि कोई इतने लोगों को रोजगार दे सके। इसलिए हमें स्वरोजगार के माध्यम को अपनाना होगा। हमें इस अभियान के माध्यम से युवाओं में उद्यमिता, रोजगार व अर्थ सृजन को एक जन आंदोलन बनाना है। श्रम का महत्व युवा समझे इसकी अभी महती आवश्यकता हैआरएसएस के सर दत्तात्रेय होसबाले ने जिला प्रचारकों के साथ बैठक में तय किया कि अब संघ भी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अपना काम बढ़ाएगा। इसके लिए सभी जिलों में विद्यार्थी शाखा लगाने पर फोकस किया जाएगा।
संघ के कई वरिष्ठ प्रचारकों के केंद्र में बदलाव किया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की उपस्थिति में सरस्वती कुज निरालानगर में संपन्न क्षेत्रीय पदाधिकारियों की बैठक में इसकी घोषणा की गई। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र संपर्क मनोज का केंद्र अयोध्या से हटाकर गोरखपुर किया गया है। मनोज अवध प्रांत में सह प्रांत प्रचारक रहे हैं। इससे पहले वह काशी में भी सह प्रांत प्रचारक रहे। अखिल भारतीय सह गोसेवा प्रमुख नवल किशोर का केंद्र प्रकृति भारती मोहनलालगंज लखनऊ में किया गया है। उनका केंद्र अभी तक गोरखपुर था। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर का केंद्र सुलतानपुर से हटाकर सेवा भारती कार्यालय काशी किया गया है।युद्धवीर उत्तराखंड में लम्बे समय तक प्रांत प्रचारक रहे हैं।राजेंद्र जी का लखनऊ से पुराना नाता है। इससे पहले वह क्षेत्र के प्रचार प्रमुख रहे हैं। क्षेत्र के पर्यावरण प्रमुख अजय कुमार का केंद्र काशी घोषित किया गया है। वह गोरखपुर के सह प्रांत प्रचारक भी रह चुके हैं। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेंद्र सिंह का केंद्र कानपुर से हटाकर भारती भवन लखनऊ किया गया है। संघ में प्रचारक प्रमुख का पद काफी अहमियत रखता है। प्रचारकों की हर तरह से चिंता करने का कार्य प्रचारक प्रमुख ही करते हैं।