अब भारतीय लोग होंगे मालामाल, सऊदी अरब ने लिया एक और बड़ा फैसला
कफाला सिस्टम सऊदी के अंदर बहुत पहले से लागू है। जिसके अंतर्गत, प्रवासी कामगारों के पास कोई अधिकार नहीं होता है कि अपने नियोक्ता के शोषण से बच सकें क्योंकि देश छोड़ने और नौकरी बदलने तक का अधिकार नहीं होता है।
नई दिल्ली: इस वक्त की बड़ी खबर सऊदी अरब से आ रही है। सऊदी अरब के मानव संसाधन मंत्रालय ने घोषणा करते हुए कहा है अब विदेशी कामगारों को अपनी नौकरी बदलने की आजादी होगी।
सऊदी अरब ने विदेशी कामगारों के लिए अनुबंध पाबंदियों में छूट देने का फैसला किया है। इस फैसले को अगले साल मार्च से लागू किया जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत के लोगों को होगा। क्योंकि भारत से बड़ी तादाद में कामगार हर साल सऊदी में काम करने के लिए आते हैं।
उन्हें अब किसी कम्पनी या मालिक के बंधन में बंधकर लम्बे वक्त तक काम नहीं करना होगा। वे अपनी आवश्यकतानुसार अपनी नौकरी छोड़ और पकड़ सकेंगे।
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अब जब चाह नौकरी पकड़ और छोड़ सकेंगे विदेशी कामगार
सऊदी के मानव संसाधन मंत्रालय के उपमंत्री अब्दुल्लाह बिन नासीर ने बताया कि अब विदेशी कामगार बिना नियोक्ता की अनुमति के सऊदी अरब छोड़कर जा सकते हैं। यहां नियोक्ता से मतलब है कि जो उनका मालिक है या जहां नौकरी करते हैं।
ये फैसला श्रम बाजार को आकर्षक बनाने के लिए किया गया है ताकि विदेशी श्रमिकों को सऊदी आने के लिए ज्यादा से ज्यादा लुभाया जा सके।
मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा कि अब नियोक्ता किसी का वीजा नहीं रख सकता है। कोई भी विदेशी कामगार अपनी स्वेच्छा से नौकरी बदल सकता। अपने हिसाब से सऊदी आ और जा सकते हैं।
सऊदी अरब में इसे कफाला सिस्टम कहा जाता है जिसके तहत नियोक्ताओं को यह अधिकार मिला हुआ था कि वो विदेशी कामगारों को नौकरी नहीं बदलने देंगे और देश छोड़कर जाना भी उनकी मर्जी पर निर्भर होता था।
कफाला सिस्टम में इस सुधार का फायदा एक करोड़ों विदेशी कामगारों को मिलेगा जो सऊदी अरब की कुल आबादी के एक तिहाई हैं।
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क्या है कफाला सिस्टम
दरअसल कफाला सिस्टम सऊदी के अंदर बहुत पहले से लागू है। जिसके अंतर्गत, प्रवासी कामगारों के पास कोई अधिकार नहीं होता है कि अपने नियोक्ता के शोषण से बच सकें क्योंकि देश छोड़ने और नौकरी बदलने तक का अधिकार नहीं होता है। ऐसे में विदेशी कामगारों के साथ मनमानी होती है। उनसे ज्यादा घंटों तक काम कराया जाता है। मालिक उन्हें सैलरी देने में मनमानी करते हैं।
बताया जा रहा है कि कफाला सिस्टम में सुधार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 का हिस्सा है।
इसके पीछे प्रिंस सलमान कि ये सोच है कि सऊदी अरब विदेशी निवेशकों के लिए अहम ठिकाना बने और प्राइवेट सेक्टर में विस्तार हो। इसके साथ ही सऊदी की अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता को भी कम किया सके।
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