नई दिल्लीः बुलंदशहर में हाइवे के किनारे मां-बेटी से रेप के मामले में बयानबाजी कर फंसे यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजम के पेश न होने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि आजम को नए सिरे से नोटिस तामील कराने का निर्देश दिया है।
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कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंगलवार को कहा कि प्रतिवादी नंबर-2 यानी आजम खान पर सीधा आरोप है। इसके मद्देनजर सीबीआई को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रतिवादी को नोटिस तामील कराए। कोर्ट ने रजिस्ट्री को भी निर्देश दिया कि वह नोटिस के साथ मामले से जुड़े दस्तावेजों की कॉपी भी सीबीआई को दे।
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कोर्ट ने और क्या कहा?
अतिरिक्त महाधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि आजम खान यूपी के मंत्री हैं। इसलिए उन्हें सरकार के जरिए नोटिस तामील कराया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी ने जो बयान दिया, वह व्यक्तिगत तौर पर कहा गया लगता है। इस मामले में कोर्ट अब 25 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
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क्या बोले थे आजम?
आजम खान ने बुलंदशहर रेप पर सवाल उठाते हुए मीडिया से कहा था कि चुनाव नजदीक हैं। हताश विपक्ष सरकार को बदनाम करने के लिए किसी हद तक जा सकता है। हमें जांच करनी चाहिए कि पूरा मामला सरकार को बदनाम करने के लिए कुछ विपक्षी तत्वों की ओर से प्रेरित तो नहीं है।
गैंगरेप कब हुआ था?
बुलंदशहर में हाइवे से होकर गुजर रहे नोएडा के परिवार की कार बीती 29 जुलाई को बदमाशों ने रोक ली थी। कार से महिला और उनकी बेटी को खींचकर गैंगरेप किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच पर 29 अगस्त को सुनवाई करते हुए आजम के बयान का संज्ञान लिया था। अदालत ने ये भी पूछा था कि जघन्य अपराधों के मामले में उच्च पदों पर बैठे लोगों के इस तरह के बयान पर क्या सरकार को रोक नहीं लगानी चाहिए?