धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की उठी मांग, SC ने किया इनकार, जानें क्यों...

Update:2020-02-10 14:17 IST

दिल्ली: भारत के कई राज्यों और जिलों से धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सोमवार को धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाएं से जुड़ी दायर याचिका पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका को ख़ारिज कर दिया। कोर्ट ने ये भी कहा कानून बनाने का अधिकार न्यायालय नहीं, बल्कि संसद का है।

धर्मांतरण के विरोध में कानून बनाने की दायर हुई याचिका:

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दक्षिण के कई राज्यों में बीते दिनों सामने आए धर्मांतरण के मामलों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में अपील की गई कि अदालत केंद्र सरकार को इसे रोकने के लिए कानून बनाने के लिए कहे। हालांकि अदालत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि कानून बनाना संसद का काम है न कि अदालत का।

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न्यायालय ने किया इंकार, कहा- ये संसद का काम, कोर्ट का नहीं:

धर्मांतरण के मुद्दे से जुडी इस याचिका में याचिकाकर्ता ने अपील की कि जल्द से जल्द इसे रोकने को लेकर कानून बनाया जाए। गौरतलब है कि तमिलनाडू में लगातार धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ रहे हैं। याचिका में इन्ही मामलों को उदाहरण के तौर पर लिया गया। इस याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया। वहीं इस बाबत केंद्र को सीधे तौर पर किसी तरह के निर्देश नहीं दिए।

पैसा देकर हिंदुओं को बनाया जा रहा ईसाई:

बता दें कि धर्म परिवर्तन का मामला लबे समय से विवाद का मुद्दा बना हुआ है। भाजपा समेत कई संगठन इस मुद्दे को बड़े स्तर पर पहले भी उठा चुके हैं। बीते दिनों विश्व हिंदू परिषद की ओर से मांग की गई थी कि देश में धर्मांतरण को लेकर कानून बनना चाहिए, जिससे पैसा देकर किसी को धर्म बदलने का लालच ना दिया जाए। जानकारी के मुताबिक, दक्षिण के कई राज्यों में पैसा देकर हिंदुओं को इसाई बनाने की कवायद चल रही है।

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